यह मेरे किसी पूर्व जन्म के पाप का फल है जो मैं राजनीति में आ गया:- राजीव राय

यह मेरे किसी पूर्व जन्म के पाप का फल है जो मैं राजनीति में आ गया:- राजीव राय

यह मेरे किसी पूर्व जन्म के पाप का फल है जो मैं राजनीति में आ गया:- राजीव राय

यह मेरे किसी पूर्व जन्म के पाप का फल है जो मैं राजनीति में आ गया:- राजीव राय

मऊ(आजाद पत्र):- रतनपुरा विद्यालयों के वार्षिकोत्सव का काफी महत्व है, क्योंकि बच्चे वर्ष भर जो शैक्षिक एवं अन्य गतिविधियों में सम्मिलित रहते हैं, उसका निचोड़ वार्षिकोत्सव में देखने को मिलता है। इससे एक तरफ जहां बच्चों की प्रतिभा को निखारने का एक तरह अवसर मिलता है ,तो दूसरी तरफ अभिभावकों को भी अपने बच्चों के शैक्षिक एवं अन्य गतिविधियों के सुसंस्कृत ढंग से ग्रहण करने का वास्तविक आभास मिलता है।

यह विचार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय के हैं, वे रतनपुरा स्थित दीपालय कान्वेंट स्कूल के 14 वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने की गतिविधियां में काफी बदलाव आ चुका है, पहले बच्चों की पढ़ाई को लेकर के गुरुजनों द्वारा पिटाई होती थी, परंतु उसकी कोई शिकवा शिकायत नहीं रहती थी। परंतु अब समय बदल गया है ,अब किसी बच्चे की पढ़ाई को लेकर पिटाई करना संभव नहीं है, लोग लाठी डंडा लेकर के शैक्षिक संस्थानों पर आधमकते हैं।

यह शैक्षिक संस्थान ही शिक्षा के माध्यम से बच्चों का भविष्य संवारते हैं, और बच्चों के मां-बाप  तथा गुरु ऐसे प्राणी है ,जो चाहते हैं कि उनका बच्चा हमसे भी आगे निकले ।जबकि देखा यह जाता है कि इस क्षेत्र को छोड़कर के जो गला काट प्रतिस्पर्धा चल रही है, उसमें लोग अपने प्रतिस्पर्धी को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि मैं भी शिक्षा जगत से जुड़ा हुआ हूं, गरीबी से निकला हूं, शिक्षा की सारी गतिविधियों को मूल रूप से समझता हूं।

यह मेरा दुर्भाग्य है कि मैं राजनीति में आ गया यह मेरे किसी पूर्व जन्म के पाप का फल है, आप चाह करके भी राजनीति से अलग नहीं हो सकते,क्योंकि राजनीति आपको अपने से अलग नहीं करने देती। मैं तो मूल रूप से शिक्षक हूं , मेरा पहला प्यार शिक्षक ही है, जो शिक्षक से लेकर के कॉलेज के एमडी तक का सफर तय किया हूं। इसलिए मैं चाहता हूं कि बच्चे अपने अंतरात्मा की आवाज पर शिक्षा की गतिविधियों में अपना भविष्य संवारने का कार्य करें।दीपालय स्कूल की वार्षिक  गतिविधियां और बच्चों की प्रस्तुति बहुत ही शानदार रही। खासकर बच्चों को संवारने और सांस्कृतिक गतिविधियों को निखारने में इस विद्यालय के कोरियोग्राफर अमित भारती के प्रतिभा की मैं प्रशंसा करता हूं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश बहादुर सिंह तथा संचालन वाइस प्रिंसिपल उपेंद्र एवं आकांक्षा यादव ने किया। इस बार दीपालय कान्वेंट स्कूल ने अपने वार्षिकोत्सव को वंदनम नाम से प्रस्तुत किया।
दीपालय कान्वेंट स्कूल के बच्चों ने कुल 28 कार्यक्रमों की शानदार ढंग से प्रस्तुति दी। जिसमें राष्ट्रगान ,देशभक्ति गीत, मिक्स डांस, लोक नृत्य, राजस्थानी नृत्य ,ब्रज की होली प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुआ। विद्यालय के बच्चों ने पेशेवर अंदाज में अपना अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति पर अभ्यागत अतिथियों ने तालियां बजाकर उनका उत्साह वर्धन किया। मंच सज्जा, ड्रेस सजा तथा अन्य तकनीकी गतिविधियों से सुसज्जित दीपालय का 14वां वार्षिकोत्सव अपनी अद्भुत छठा बिखरने में पूरी तरह से कामयाब रहा।

वक्ताओं में डीसीएस के कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सर्वेश पांडेय ,विद्यालय के प्रबंधक रमेश सिंह, नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रबंधक राणा प्रताप सिंह, नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर राकेश सिंह ओंकार इत्यादि प्रमुख थे। अन्य उपस्थित जनों में पंकज सिंह प्रधानाचार्य, मानवेंद्र बहादुर सिंह गोलू, घनश्याम सहाय, ओम प्रकाश सिंह, रतनपुरा के ग्राम प्रधान जय किशोर गुप्ता, कोऑर्डिनेटर अश्विनी, अवनीश कुमार सिंह, मधुबाला ,रोशन, गरिमा सिंह, अंकित प्रमुख थे।