ओमप्रकाश राजभर ने खेला नया दांव बेटे को नहीं बनाया प्रत्याशी
omaprakaash raajabhar ne khela naya daanv bete
विच्छेलाल राजभर होंगे सुभासपा से एमएलसी
ओमप्रकाश राजभर द्वारा महेंद्र राजभर के रूप में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश।
रतनपुरा(मऊ)- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश में होने वाली तीन विधान परिषद सीटों के लिए अपनी पार्टी से अपने पुराने सहयोगी मऊ के जिलाध्यक्ष रहे विच्छे लाल राजभर को प्रत्याशी बनाकर अपनी पार्टी को मजबूत करने का प्रयास किया है। बताते चलें कि ओमप्रकाश राजभर पर हमेशा अपने परिवार को आगे बढ़ाने का आरोप लगता रहा है ।अभी घोसी लोकसभा के लिए अपने बड़े बेटे अरविंद राजभर को प्रत्याशी घोषित होने की बात जैसे ही सामने आई उन आरोपों को उनके दर विरोधियों द्वारा हवा मिलने लगी इधर विधान परिषद में भी वह अपने छोटे बेटे अरुण राजभर को उतारना चाह रहे थे लेकिन महेंद्र राजभर की तरह पार्टी में विद्रोह की डर से ओमप्रकाश राजभर ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ता बिच्छेलाल राजभर पर अपना भरोसा जताया है। सूत्रों की मांने तो ओमप्रकाश राजभर ने महेंद्र राजभर को भी बहुत मान मनौव्वल की और दुबारा पार्टी में आकर संगठन का काम करने के लिए उनकी हर शर्त मंज़ूर करने तक की बात हुई परंतु बात न बनी। बताना जरूरी है कि यह वही महेन्द्र राजभर हैं जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संगठन की रीढ़ माने जाते थे। परंतु पार्टी के वजूद में आने के बाद लोकसभा और विधानसभा का टिकट बंटवारे की बाहरी लोगों को टिकट देने के आरोप से धीरे-धीरे पार्टी में विद्रोह का स्वर उठने लगा ।ओमप्रकाश राजभर पर लगने लगा।और महेंद्र राजभर खुलक बगावत पर उतर गए और अपनी अलग सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी बनाकर ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ बिगुल फूंक दिया । इधर समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़े ओमप्रकाश राजभर उपमुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे परंतु समाजवादी पार्टी की सरकार न बनने के कारण उनका सपना साकार नहीं हुआ और भाजपा से दूरी बनाने की कसक कसक मन उठने लगी, अंदरखाने ओमप्रकाश राजभर के भाजपा में शामिल होने की बात चल ही रही थी कि अचानक उनके करीबी माने जाने वाले दारा सिंह चौहान जो कि समाजवादी पार्टी के बैनर तले घोसी से चुनाव लड़कर विधायक हुए थे उन्होंने अचानक विधानसभा से इस्तीफा देकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया।और दुबारा इसी सीट से उपचुनाव के लिए भाजपा ने पुनः दारा सिंह चौहान को अपना प्रत्याशी बना दिया इधर लगे हाथ ओमप्रकाश राजभर भी अपना मौका नहीं चूकना चाहे और दारा सिंह चौहान को जीताने का ठेका ले बैठे। इधर जनता लगातार पाला बदलने से नाराज़ थी साथ ही भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी को ठेंगा दिखा दिया और कैडर के वोट भी नाराज हो गए परिणामस्वरूप पूरा दमखम लगाने के बावजूद भी दारा सिंह चौहान उपचुनाव हार गए परंतु आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने फिर भी दारा सिंह चौहान को भाजपा के कोटा से एमएलसी बनवाकर मंत्री बना दिया साथ ही ओमप्रकाश राजभर की भी मुराद पूरी हुई और वह भी कैबिनेट मंत्री बन गए मंत्री बनने के तुरंत बाद अपने पहले संबोधन में ही ओमप्रकाश राजभर ने जो हेकड़ी दिखाई भाजपा संगठन और सरकार ने भी मुंह बिचका लिया। मंत्री बनते ही अतिउत्साहित ओमप्रकाश राजभर ने अपने को इतना ताकतवर बताया कि अपनी तुलना शोले फिल्म के डाकू गब्बर सिंह से कर डाली। हालांकि यह ओमप्रकाश की राजभर के लिए कोई नई बात नहीं थी इसके पहले भी ओमप्रकाश राजभर ने अपने को सबसे बड़ा गुंडा और माफिया अपने को बता चुके हैं।उल्टा पुल्टा बयान देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने वाले ओमप्रकाश राजभर अब मीडिया पर भड़कने लगे हैं। उनके पीले समझा लगाकर थाने में रौब दिखाने के सवाल पर जिस प्रकार ओमप्रकाश भड़क गए हैं । इससे यह साफ जाहिर है कि भाजपा सरकार की कार्यशैली के विपरीत माना जा रहा है।और इसको लेकर भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है।वहीं अपने बड़े बेटे अरविंद राजभर को घोसी लोकसभा से प्रत्याशी बनाने पर भी अंदर-अंदर विरोध की चिंगारी उठने लगी है। जिसकी गंभीरता को समझते हुए ओमप्रकाश राजभर असहज महसूस कर रहे हैं। कारण कि यदि यही हाल रहा तो घोसी विधानसभा में जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पलटी मारी और समाजवादी पार्टी को बड़ी जीत दिला दी कहीं ऐसा आगे भी हुआ तो ओमप्रकाश राजभर के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। हालांकि घोसी लोकसभा में भाजपा से टिकट के दावेदारों की संख्या काफी अधिक थी खास तौर से भारतीय जनता पार्टी में सालों से बोरिया बिस्तर बिछाने वाले कार्यकर्ता अब अपने को ठगा महसूस होने की बात कर रहे हैं।बहरहाल अचानक विधानपरिषद चुनाव में विच्छेलाल राजभर को टिकट देकर एमएलसी बनवाने को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने अब अपने ऊपर लगे आरोपों को विराम देने की कोशिश की है। विच्छेलाल राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं रतनपुरा विकासखंड की गहना ग्राम पंचायत निवासी 51 वर्षीय विच्छेलाल राजभर के विधान परिषद सदस्य पद हेतु टिकट मिलने की सूचना जैसे ही आई उनके समर्थकों ने खुशी का इजहार करते हुए उन्हें बधाई देने लगे। विच्छेलाल राजभर 3 जुलाई 2003 को भारतीय समाज पार्टी में शामिल हुए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने का कार्य किया विच्छेलाल राजभर पार्टी के जिला प्रमुख महासचिव , जिला अध्यक्ष, मंडल महासचिव आजमगढ़, प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल के विभिन्न पदों के दायित्व का वखूबी निर्वहन करते हुए पार्टी संगठन को मजबूत करने में अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ दिन-रात लग रहे एक सामान्य परिवार में पैदा होकर राजनीति की जिस बुलंदी को उन्होंने छुआ है एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में विधान परिषद सदस्यता उनकी भूमिका क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है भाजपा गठबंधन के तहत विधान परिषद की एक सीट सुहेलदेव समाज पार्टी के खाते में आई थी और ओमप्रकाश राजभर ने अपने निष्ठावान कार्यकर्ता विच्छेलाल राजभर को दायित्व सौंपा और विधान परिषद हेतु उन्हें नामित किया सूचना आते ही विच्छेलाल राजभर नांमाकन करने के लिए लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गए हैं। इनके पिता जहांगीर प्रसाद माता सुरतिया देवी पत्नी श्रीमती कालिंदी देवी सहित परिवार एवं गांव में जश्न का माहौल है अनेक झंझावात के बीच अनुकूल एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इन्होंने कभी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा और पार्टी संगठन के साथ लग रहे एक निष्ठावान कार्यकर्ता को विधान परिषद का टिकट मिलने पर सभी ने प्रसन्नता व्यक्त की है दलीय सीमाओं से परे विभिन्न दल के नेताओं ने भी विच्छेलाल के विधान परिषद सदस्य का टिकट मिलने उन्हें बधाई दी है।