मुख्तार अंसारी को मसीहा कहने पर राजपूतों में रोष! लगे ओपी गो बैक नारे
बयान देकर फंसे ओमप्रकाश राजभर, चुनाव में सवर्णों की नाराज़गी भुगतना पड़ सकता है खामियाजा।
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपने एक बयान में मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा एवं क्रांतिकारी बताया है। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी की मौत विगत 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में हार्ट अटैक से हो गई थी। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद एक ओर उनका परिवार इसको स्वाभाविक मौत न मानकर हत्या मान रहा है। मुख्तार अंसारी के परिजनों का कहना है कि विगत कुछ दिन पहले से ही खाने में जहर देने की शिकायत मुख्तार अंसारी ने किया था और इस संबंध में मुख्तार अंसारी के वकील ने भी कोर्ट में इस बात की आशंका जाहिर करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। मुख्तार अंसारी के परिजनों का कहना है कि इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया जिसके कारण मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत बताई गई है। इस मामले को लेकर जब मीडिया ने ओमप्रकाश राजभर से सवाल किया तो उन्होंने सरकार में अपने मंत्री धर्म को निभाते हुए बहुत कुछ स्पष्ट नहीं बोल पाए लेकिन उनकी मुख्तार की चाहत की कसमकस साफ झलक रही थी। इसके बाद इस सवाल पर कि आपने मुख्तार अंसारी को कभी गरीबों का रहनुमा और मसीहा बताया था क्या आप आज भी इस अपने बयान पर कायम हैं? तो मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपने को रोक नहीं पाए और कहा मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं।बताते चलें कि पूर्व में ओमप्रकाश राजभर ने अपने कई बयानों में मुख्तार अंसारी को मसीहा, रॉबिन हुड, क्रांतिकारी आदि नाम से नवाज चुके हैं।उन्होंने यहां तक कहा है कि वह दबंंगो को ठीक करते थे। बताते चलें कि ओमप्रकाश राजभर के इस बयान का इशारा सवर्ण विरादरी को लेकर था।अपने बयान को दुबारा दोहराते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मैं अपने पूर्व में दिए बयान पर आज भी कायम हूं।ओमप्रकाश राजभर के इस बयान पर मुख्तार अंसारी द्वारा पीड़ित लोगों में काफी रोष उत्पन्न हो गया।बताते चलें मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मऊ में भाजपा नेता अशोक सिंह का परिवार खुशी जाहिर कर रहा था।यह एक अनोखी घटना थी कि किसी की मौत पर कोई खुलकर कोई मिठाई बांट रहा है तथा आतिशबाजी कर रहा हो कारण कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सदर सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के सामने चुनाव लड़ चुके अशोक सिंह के बड़े भाई एवं ए ग्रेड के ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह की सन् 2009 में मऊ जनपद के गाजीपुर तिराहे पर आधा दर्जन हमलावरों द्वारा गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी जिसमें 120B के तहत मुख्तार अंसारी पर हत्या की साज़िश करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। हांलांकि इस मामले में गवाहों की हत्या,डराकर होस्टाइल एवं गवाही से मुकरने के बाद मुख्तार अंसारी को नीचली अदालत ने बरी कर दिया था जो इस समय हाइकोर्ट में लंबित चल रहा है। गवाहों की हत्या के बाद से मुख्य गवाह मन्ना सिंह के भाई भाजपा नेता अशोक सिंह की सुरक्षा के लिए सरकारी गनर मिला था और उनपर जान का खतरा मंडराने लगा। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब यह परिवार राहत की सांस लिया। ठेकेदार मन्ना सिंह की पत्नी मंजू सिंह पति की मौत के बाद कभी उनकी तस्वीर पर फूल माला नहीं चढ़ाई थी। उन्होंने कसम खाई थी कि जब मुख्तार मरेगा तब वह पति को श्रद्धांजलि देंगीं।इस क्षत्राणी का यह प्रण पूरा होते ही इनके परिवार वालों की आंखों में ख़ुशी के आंशू साफ झलक रहे रहे थे। वहीं ओमप्रकाश राजभर के इस बयान से राजपूत समाज में काफी रोष उत्पन्न हो गया। ज्ञात हो कि भाजपा नेता अशोक सिंह का अपनी बिरादरी में अच्छा रसूख है।ओमप्रकाश के इस बयान पर अशोक सिंह समर्थक बिलबिला गए और चुनाव में ओमप्रकाश राजभर को मजा चखाने की बात कहने लगे। जिसके परिणामस्वरूप घोसी लोकसभा चुनावी जनसंपर्क के दौरान ओमप्रकाश राजभर गो बैक के नारे भी लगाए गए।इस घटना के बाद जनपद में खलबली मच गई। ज्ञात हो कि पहले से भी ओमप्रकाश राजभर बीजेपी कार्यकर्ताओं के गले नहीं उतर रहे थे और इस बयान से भारतीय जनता पार्टी को यह डर सताने लगा है कि कहीं सवर्ण मतदाता ओमप्रकाश के इस बयान से नाराज ना हो जाएं जिसका खामियाजा घोसी लोकसभा के साथ-साथ अगल-बगल की सीटों पर भी इसका असर पड़े।बहरहाल आगे क्या होगा? यह समय बताएगा लेकिन ओमप्रकाश राजभर के इस बयान ने जहां एक ओर सरगर्मी बढ़ा दी है। वहीं ओमप्रकाश राजभर के बेटे एवं घोसी लोकसभा के प्रत्याशी अरविंद राजभर की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही है।