जल जीवन मिशन के कार्य में प्रयोग हो रहे धटिया किस्म के जिन्क टैंकों का खेल

जल जीवन मिशन के कार्य में प्रयोग हो रहे धटिया किस्म के जिन्क टैंकों का खेल

जल जीवन मिशन के कार्य में प्रयोग हो रहे धटिया किस्म के जिन्क टैंकों का खेल

जल जीवन मिशन के कार्य में प्रयोग हो रहे धटिया किस्म के जिन्क टेकों का खेल

आजाद पत्र:- जल जीवन मिशन वैसे तो देश के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है उनका सपना था 2024 तक हर घर में नल के द्वारा पानी पहुचाय जाए घर जिस के लिये 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री ने जे.जे एम को धरातल पर उतारा और इसमें जोर शोर से काम भी शुरु हुआ वहीं बात जब उत्तर प्रदेश की आती है तो यहा हर सपना सपना बनकर ही रह जाता है फिर चाहे वह प्रधानमंत्री का ही क्यो न हो अब हम बात करते है।

इस ड्रीम प्रोजेक्ट के वर्क की हर घर नल से जल देने के लिये उ० प्र० के सभी गाँवों में पानी की पाईप लाईन बिछायी जा रही है गांवो के हर घर में नल लगाया जा रहा है और इस के लिए हर गांव में पानी की टंकी बनायी जा रही है अब यहा से शुरु होता है टंकी का खेल दसअसल इन ज्यादातर पानी की टंकी में जिन्क टैंक का प्रयोग हो रहा है जोकि स्टील के होते है और जे.जे. एम वही कम्पनी इसकी सप्लाई कर सकती है जिनकी क्यूपी पास हो ऐसी ही एक कम्पनी है।

गोयल किचन ईक्यूपमेन्ट जिराने उ० प्र० में बाकी सारी बडी बडी कम्पनीयों को दरकिनार करते हुए सबसे ज्यादा सप्लाई की है अब बात करे इस कम्पनी की जब यूपी में जे.जे. एम की शुरुवात हुई उसी समय इस कम्पनी ने भी जिन्क टैंक बनाने शुरु किये और अधिकरियों से साठ गाठ कर अपनी क्यूपी भी पास करा ली सोचने वाली बात है कि एक नयी कम्पनी कैसे कुछ समय में अधिकारियों के ऑख का तारा बन गयी व कैसे सबसे अधिक जिन्क टैंक की सप्लाई कर रही है।

सूत्रो की माने तो इनके टैंक में प्रयोग की जा रही सामग्री काफी निम्न श्रेणी की है और बात करें इस कम्पनी के मालिको की तो बहुजन समाज पार्टी में अम्बेडकर पार्क एवं अन्य जो कार्य हुए है उस कार्यों में भी घटिया साम्रगी को लेकर इन पर पहले ही आरोप लगते है। बरहाल जब ऐसे लोगो के हवाले यह प्रोजेक्ट है तो प्रधानमंत्री का सपना राम भरोसे ही है।