ढोंगी बाबा के काले कंबल का खुला राज:काला कंबल ओढ़ाकर ठीक करने का करता था ढोंग
ढोंगी बाबा के काले कंबल का खुला राज:काला कंबल ओढ़ाकर ठीक करने का करता था ढोंग
ढोंगी बाबा के काले कंबल का खुला राज:काला कंबल ओढ़ाकर ठीक करने का करता था ढोंग
मऊ(आजाद पत्र):- वैसे तो भारत में भिन्न-भिन्न प्रकार के ढोंगी बाबा समय-समय पर निकलते रहते हैं। जिसमें कुछ तो जेल में हैं और कुछ बाहर तथा कुछ जेल जाने की तैयारी में हैं। इसी क्रम में जनपद मऊ के उमापुर गांव में इस समय एक बाबा आए हुए हैं वैसे ही यह बाबा कोई नए नहीं हैं इनको काली कंबल वाले बाबा उर्फ गनेश यादव के नाम से प्रसिद्ध हैं।इनके विषय में बताया जाता है कि जो भी विकलांग इनके पास जाता है उसको कंबल ओढ़ाकर ठीक कर देते हैं। लेकिन आज उनकी सच्चाई तब सामने आई जब आगरा से आई हुई एक महिला ने पत्रकार के सामने उनका राज खोल दिया।
महिला का कहना था कि मेरे बेटे का एक्सीडेंट में पैर खराब हो गया था और यूट्यूब पर खबर देखकर मैं ₹22000 एक तरफ से किराया लगाकर आगरा से यहां पर आई लेकिन मुझे कोई आराम नहीं मिला। वहीं एक दूसरा लड़का भी अपने बयान में बता रहा है कि मैं पांच मरीजों को लेकर लगातार 5 दिन से यहां पर पड़ा हूं, लेकिन मेरे किसी भी मरीज को कोई भी आराम नहीं हुआ है।गौरतलब है कि इस बाबा ने जहां पर अपना डेला डाला है उसमें में प्रवेश करने के लिए गेट के पास₹200 की पर्ची कटाई जा रही है। और इसके बाद तब अंदर प्रवेश मिल रहा है। अंदर प्रवेश के बाद भारी भीड़ के बीच बाबा रोगी को कंबल ओढ़ाकर ठीक करने की बात कर रहे हैं।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह एक बहुत बड़ा जालसाजी का धंधा चल रहा है।जिसके तहत बाबा के कुछ खास चेले हैं जो इस कार्यक्रम में दूर-दराज से विकलांग बनकर आ जाते हैं और बाबा उन्हीं मरीजों के पास जाकर कंबल ओढ़ाकर उनको खड़ा कर देते हैं। तथा इसका लाइव वीडियो बनाकर प्रचारित-प्रसारित खुद करते हैं तथा कुछ यूट्यूबरों को सेट करवाकर कराते हैं। तथा भोली-भाली जनता को ठगने का काम करते हैं। इस बात की सच्चाई तब पता चली जब कुछ पत्रकार धीरे से जनता के बीच घुसकर उनके बयान को जानना चाहा तो सच्चाई सामने आ गई।हालांकि धर्म एवं आस्था के नाम पर भोली-भाली जनता को ठगने का यह कोई नया मामला नहीं है।
लेकिन इस प्रकार भीषण गर्मी में कई प्रदेशों एवं जनपद के दूर दराज क्षेत्र से आई हुई जनता के साथ विश्वासघात होना एक चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 20000 पर्चियां कटती हैं। तथा प्रत्येक व्यक्ति से ₹200 शुल्क लिया जाता है। इसके बाद अंदर दवा एवं कोई प्रोडक्ट के नाम पर ₹1100 लिया जाता है कुल सात दिवसीय चलने वाले इस प्रोग्राम का का यदि आकलन लगाया जाए तो लगभग करोड़ों की हेरा फेरी का मामला सामने आएगा।भारी भीड़ के बीच सुरक्षा एवं जल सुविधा को भी नजरअंदाज किया गया है। हजारों की संख्या में जुटने वाली इस भींड़ की अपेक्षा ना तो टॉयलेट की व्यवस्था है, और ना ही उनके खाने-पीने की ही समुचित व्यवस्था है।
जब पैसे के विषय में वहां उपस्थित वॉलिंटियरों से पूछने पर पता चलता है कि बाबा एक ट्रस्ट बनाए हैं और हम लोग जो शुल्क लेते हैं वह जनता को खिलाने- पिलाने एवं सुविधा के नाम पर लेते हैं जबकि वहां की स्थिति को देखा जाए तो काफी दुर्व्यवस्था फैली हुई है। ना तो सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं और ना ही पानी आदि की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार दूर-दराज से जुटी भारी भीड़ को एक तरफ जहां इस भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भोली-भाली जनता को ठगने का बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है। यही नहीं सुरक्षा के नाम पर आसपास के क्षेत्र से कुछ मुस्टंडों को रखा गया है जिनको प्रतिदिन 2000 मिलने की बात सुनने में आ रही है।
इनका काम यही है कि जो भी ब्यक्ति यदि विरोध करे उसको बलपूर्वक समझाने का काम करते हैं।इस प्रकार प्रशासन के नाक नीचे इतने बड़े जालसाजी के काम से आखिर प्रशासन क्यों बेखबर है?सोचनीय विषय है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मीडिया को लगने के बाद इस समय 200 रुपए की पर्ची को बंद कर दिया गया है। प्रत्यदर्शी ने एक बड़ी सूचना दी है जिसमें इस कार्यक्रम में भारी भीड़ और दुर्व्यवस्था के चलते दो लोगों के मरने की बात बताई जा रही है। हांलांकि मरने वाली बात का अभी ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हो पाया है।जिस ब्यक्ति ने मरने की सूचना दी है उसकी रिकार्डिंग उपलब्ध है।