बसपा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब बसपाइयों को दलित बस्ती से खदेड़ दिया गया-विडियो वायरल

दलित बस्ती से बसपा पदाधिकारियों को खदेड़ दिया तथा लगाए मुर्दाबाद के नारे

बहुजन समाज पार्टी‌ के इतिहास पहली बार ऐसा हुआ जब अनुसूचित मतदाता बोले किसी की बपौती नहीं है मेरा वोट

मऊ -नगर पालिका परिषद चुनाव के मतदान का दिन जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है रोज नए- नए समीकरण बन बिगड़ रहे हैं इसी क्रम में कल बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं संग अपने बेस वोटर माने जाने वाले बस्ती में गए जहां पर अनुसूचित युवाओं ने उनको घेर लिया तथा बहुजन समाज पार्टी मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। जब से बसपा पार्टी बनी है यह माना जाता है कि उसके वोटर एकजुट होकर बहुजन समाज पार्टी को वोट करते हैं चाहे कोई कितना भी उनको बहलाए-फुसलाए।वह वोट बसपा को ही करते हैं। परंतु बहुजन समाज पार्टी के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिला जब बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत तमाम कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर जैसे ही प्रचार करना शुरू कर बसपा प्रत्याशी अरशद जमाल के पक्ष में वोट मांगना शुरू किए वहां युवाओं का एक हुजूम इकट्ठा हो गया और बहुजन समाज पार्टी मुर्दाबाद तथा बसपा जिलाध्यक्ष वापस जाओ के जमकर नारे लगाए साथ ही वायरल वीडियो में यह भी देखने को मिल रहा है कि युवा यह कहते नजर आ रहे हैं कि अनुसूचित जाति का वोट किसी पार्टी के बाप की बपौती नहीं है। जब वोट लेना होता है तो आप लोग आते हैं और मेरी समस्या में कभी शरीक नहीं होते,यह कहकर बसपा पदाधिकारियों को खदेड़ दिया। इस प्रकार मुखर होकर अनुसूचित वोटरों का विरोध करना कहीं ना कहीं भाजपा की रणनीति को सफलता के मुकाम पर पहुंचाने का काम कर रहा है। बताते चलें कि मऊ नगर पालिका की सीट सामान्य होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कभी बहुजन समाज पार्टी के कोऑर्डिनेटर और मंत्री रहे अजय कुमार को यह टिकट देकर अनुसूचित वोटरों में सेंधमारी करने का प्रयास किया था। पहले तो ऐसा लगा कि भाजपा अपने इस रणनीति में फेल हो जाएगी परंतु जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है अनुसूचित वोट खुलकर सामने आ रहे हैं और उनका रुझान कहीं ना कहीं अपनी जाति विशेष के नेता अजय कुमार की तरह दिख रहा है। यहां यह बताना जरूरी है कि नए परिसीमन के बाद इस सीट पर अनुसूचित मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा हुई है कभी यह सीट मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती थी परंतु नए परिसीमन के बाद इस सीट की सामाजिक संरचना बदल गई है, इसी का लाभ उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तथा नगर विकास मंत्री जो न सिर्फ इस जनपद के हैं बल्कि नगर पालिका परिषद मऊ के क्षेत्र में उनका पैतृक निवास भी आता है, वह भी दिन रात गांव-गांव घूम कर लोगों को विकास की बात समझा रहे हैं। दूसरी ओर मुस्लिम मतदाताओं का एक बड़ा तबका जो कभी समाजवादी पार्टी का खांटी वोटर माना जाता था आज बहुजन समाज पार्टी बिखर रहा है। ऐसी स्थिति में भाजपा की रणनीति कहीं ना कहीं कामयाब होती दिख रही है।

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