गजब की थेथरई!निर्दलों को जबर्दस्ती भाजपाई बनाना चाह रहे हैं तथाकथित नेता
मऊ-इस समय दलबदलू तथाकथित भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं की गजब की थेथरई देखने को मिल रही है बात वहां से शुरू होती है जब भाजपा का टिकट बंटवारा हो रहा था तो यही तथाकथित क्षेत्रीय नेता अपने स्वार्थ के चक्कर में ठेकेदारी करने के लिए ऐसे-ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिलवाए जिनका जमीन पर कोई वजूद ही नहीं था। उदाहरण स्वरूप अमिला नगर पंचायत की बात की जाए तो वहां पर एक महीना पहले तक बहुजन समाज पार्टी का झंडा-डंडा लगाकर खुद को प्रत्याशी बताकर प्रचार-प्रसार कर रहे नेताजी की जब सीट आरक्षित हो गई तो उन्होंने अपना दांव भाजपा पर खेला और येन केन प्रकारेण एक ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिला दिया जो क्षेत्र में शराब माफिया के रूप में चर्चित है दूसरी तरफ जब जनता को यह लगा कि यही नेता बसपा में भी रहता है,सपा में भी रहता है और अब भाजपा में भी लाभ लेने के चक्कर में न सिर्फ मंत्री जी का मंच साझा किया बल्कि कार्यक्रम का आयोजक बन गया, तो यह बात भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं और वोटरों को बहुत नागवार गुजरी और न चाहकर भी भाजपा मतदाता इस बहुरुपिए के रिएक्शन में साइकिल और हाथी पर चढ गए जिसका फायदा इस निर्दल प्रत्याशी रामजतन की पत्नी सविता को हुआ और अपनी कड़ी मेहनत और वर्षों से जनता के बीच रहने के कारण इस प्रत्याशी को विजई श्री मिला।लेकिन थेथरई की भी हद होती है वही नेता जी अब उस निर्दल प्रत्याशी पर लगातार भाजपा ज्वाइन कराने की बात कर रहे हैं और कह रहे हैं चलो सीधे मंत्री जी से मिलवा देते हैं नहीं तो तुम 5 साल तक कोई काम नहीं कर पाओगे इस प्रकार किसी भी तरह से अपने अदब में लेने का प्रयास कर हैं और लालच भी दे रहे हैं। यही हाल बड़रांव ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि का भी है वह भी इस काम में पीछे नहीं है वह भी उस निर्दल प्रत्याशी को जीतने के बाद गुलदस्ता लेकर उसके घर बधाई देने चले गए और लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और कह रहे हैं कि तुम भाजपा ज्वाइन कर लो इसी में तुम्हारी भलाई है। बताते चलें कि यह निकम्मे नेता अपने तो कुछ कर नहीं सकते लेकिन मंत्री जी का खास बनने के चक्कर में निर्दल प्रत्याशियों को भाजपाई बनाने के लिए तथा अपनी ठेकेदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रत्याशियों पर डोरे डाल रहे हैं ताकि मंत्री जी को खुश कर सकें ऐसे में देखना यह होगा कि क्या मंत्री जी इन निकम्मों के चक्कर में फिर उलझते हैं या अपनी सूझबूझ से काम करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यही हाल मधुबन नगर पंचायत का भी है वहां पर भी निकम्मे तथाकथित भाजपाई बनने वाले नेता जो अपनी सीट न जीता सके निर्दल प्रत्याशी को जबरदस्ती भाजपाई बनाने के चक्कर में लगे हुए हैं और मंत्री जी को खुशकर अपनी ठेकेदारी सुनिश्चित करना चाह रहे हैं।