World Parkinsons’ Day

Report Madan sarswat mathura
मथुरा कल्याणं करोति, मथुरा द्वारा दिनांक 11 अप्रैल 2023 को विश्व पार्किंसंस दिवस (World Parkinsons’ Day) जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य आर.पी.प्रजापति ने बताया कि पार्किंसन बीमारी मूवमेंट संबंधी एक विकार या डिसऑर्डर है जिसमें हाथ या पैर से दिमाग तक पहुँचाने वाली नसें या तंत्रिका काम करने में असमर्थ हो जाती है। इसमें व्यक्ति का हाथ पैर से नियंत्रण बहुत कम हो जाता है। आमतौर पर जब दिमाग को संदेश देने वाला डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तब यह बीमारी होती है। पार्किंसन के शुरुआती लक्षण के बारे में बताया कि मूवमेंट में परिवर्तन, लिखने में दिक्कत, आवाज में बदलाव होना, शरीर की पोजीशन में बदलाव होता है।

वरिष्ठ सहायक आचार्य अभिराम कुशवाहा  ने बताया कि हर साल, 11 अप्रैल को पार्किंसंस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पार्किंसंस दिवस ¼World Parkinson*s Day½ के रूप में मनाया जाता है, जो एक प्रगतिशील तंत्रिका तंत्र विकार है। इस वर्ष का विचार बिन्दु ¼Take 6 for PD½ है। यह दिन लंदन के डॉ जेम्स पार्किंसन के जन्मदिन का प्रतीक है जो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पार्किंसंस रोग के लक्षणों वाले छह व्यक्तियों का व्यवस्थित रूप से वर्णन किया था। इन्हीं की याद में यह दिवस मनाया जाता है। साथ ही अप्रैल का महीना पार्किंसंस जागरूकता माह के रूप में भी  मनाया जाता है। लंबे समय से पार्किंसंस से पीड़ित लोग अक्सर व्यवहार में भारी बदलाव दिखाते हैं, जिसमें उदास, चिंतित, तनावग्रस्त, चिढ़, निराश, उत्तेजित, हिंसक, बेचौन, अधीर होना शामिल है, और उनका आत्म-सम्मान भी कम होगा। इसलिए, परामर्श और समय पर दवा एक जरूरी उपाय है।

डॉ0शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के एम0एड0 एच0आई0 के इन्टर्नशिप करने वाले छात्र क्रमशः सिद्धार्थ कुमार, मुकेश कुमार एवं संजीत मांझी द्वारा पार्किन्सनस रोग के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर परवेन्द्र सिंह, कमलेश यादव, प्रतिभा वर्मा, राशिद जमाल, मनोहर मिश्रा, बी.के.शुक्ला, अमरनाथ चतुर्वेदी, एवं बी.एड, डी.एड विशेष शिक्षा, डी.एच.एल.एस, डी.ऑप्टोमेट्री और सम्बल विशेष विद्यालय के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम के अन्त में पार्किन्सन रोग से बचाव हेतु एक जागरूकता रैली का आयोजन  किया गया।

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