सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च में मना खजूर का पर्व

report Madan sarswat Mathura

कृष्णपुरी चौराहा स्थित सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च में खजूर का इतवार पर्व पर पास्टर पंकज इंद्रजीत सिंह प्रवचन देते हुए।
  • चर्च में आराधना से पूर्व मिशन कंपाउंड परिसर में विजय जुलूस निकाला गया

मथुरा। ईसाई समुदाय के 40 दिन के रोजे (उपवास) अब अंतिम चरण में हैं। कृष्णापुरी चैराहा स्थित सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च में रविवार को खजूर का इतवार पर्व मनाया गया। इस अवसर पर प्रभु यीशु के अनुयायियों ने प्रभु यीशु के अपने यरुशलम शहर में लौट कर आने की घटना को पाम संडे के रूप में मनाया। रेनू फिल्ंिट ने बताया कि आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व प्रभु यीशु मसीह इजरायल के सुदूर जंगलों में उपवास यापन करने के बाद अपने जन्मस्थान शहर यरुशलम को वापस आए थे। उस समय वहां के निवासियों ने उनका स्वागत अपने कपड़े व खजूर की डालियां बिछाकर किया था। वे लादू के बच्चे पर सवार होकर राजा के समान आए थे, जिसे विजय प्रवेश भी कहा जाता है। इसी घटना को स्मरण करते हुए पूरे विश्व में खजूर का इतवार पर्व मनाया जाता है। इसमें लोग चर्च व अपने घरों को खजूर की डालियों से सजाते हैं। चर्च में आराधना से पूर्व मिशन कंपाउंड परिसर में विजय जुलूस निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों और कलीसिया के लोगों ने भाग लिया। जो अपने हाथों में खजूर की डालियां लिए हुए जयकारे लगा रहे थे। आराधना के दौरान चर्च के पादरी पंकज इंद्रजीत सिंह ने प्रभु यीशु के विजय प्रवेश की घटना को अविस्मरणीय बताया। रविवार को आयोजित हुई इस आराधना सभा में भारी संख्या में लोग हरे रंग के वस्त्रों में उपस्थित रहे। प्रिया सिंह द्वारा बाइबल से पाठ पढ़ा गया। चर्च के ब्रॉडकास्टर हिमांशु सिंह ने बताया कि आज के इस पर्व के बाद पूरे सप्ताह को दुख भोग सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। प्रतिदिन शाम को चर्च में विशेष आराधना की जायेगी। शुक्रवार को प्रभु यीशु के बलिदान दिवस को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाएगा। रविवार को पुनरुत्थान दिवस ईस्ट के रूप में मनाया जाएगा। जिसमें प्रातः चार बजे मसीहियों द्वारा मोमबत्ती लेकर प्रभात फेरी निकाली जाएगी। तत्पश्चात चर्च में ईस्टर की विशेष आराधना होगी।

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