साहिबान की मेहरबानी लेती है मुसाफिरों की जान।फिर भी नहीं चेतता महकमा।

एपीआई न्यूज एजेंसी
कुशीनगर।डग्गामार बसों व सवारी गाड़ियों के लिए सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े तेवर दिखाते हुए न सिर्फ इन्हें चलन से बाहर करने के लिए नियम कानून बनाये वल्कि उन्हें प्रतिपादित करने की दिशा में अनेक दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।परंतु आज भी डग्गामार बसों से लगायत अन्य सवारी गाड़ियां यात्रियों की जान लेने के साथ ही प्रशासन के लिए सरदर्द बनी हुई हैं तो इसके पीछे जरूर अफसरों का हाथ होना लाजिमी है।सूत्र बताते हैं कि आज भी मुख्यमंत्री के गृहनगर गोरखपुर से दर्जनों की संख्या में बसें न सिर्फ समीपवर्ती जिलों में डग्गामारी करती फर्राटे मारती हैं बल्कि पड़ोसी प्रांत बिहार तक बेधड़क दौड़ती हैं जिन पर शराब से लगायत डीजल तश्करी के रूप में भारी मुनाफा कमाने के आरोप लगते रहते हैं।जाहिर सी बात है कि हर कठिन मामले में अपनी कहानी गढ़ पेश करने वाली मशीनरी का इस मामले में ढुलमुल रवैया एक अलग कहानी बयां करने के लिए पर्याप्त है शायद ये बात मुख्यमंत्री तक पहुँचती नहीं या फिर इसे भी उन तक पहुंचने न देने में मशीनरी कामयाब है ,ये तो जांच का विषय है फिलहाल नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के सरपतहि में बस पलटने से हुए हादसे के शिकार व घायलों की जिम्मेदारी किस की है इस यक्षप्रश्न का उत्तर शायद प्रशासन दूसरों के सिर मढ़ पुनः पुरानी आदत की तरह सुशुप्तावस्था में चला जाये तो कोई अतिश्योक्ति न होगी।

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