वाराणसी। वरुणा नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण को विकास प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को दलबल के साथ सील कर दिया। कचहरी के शास्त्री घाट से सटे न्यू वरुणापुल के पास नदी के डूब क्षेत्र में चोरी-छिपे दो मंजिल निर्माण कर लिया गया था और तीसरे पर कॉलम आदि खड़ा करके जोर-शोर से निर्माण जारी था।
विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी परमानंद यादव, जेई प्रमोद कुमार तिवारी के साथ मौके पर पहुंचे और डूब क्षेत्र में हो रहे निर्माण को सील कराया। जोनल अधिकारी ने बताया कि करीब 21 फीट चौड़े और 34 फीट लम्बे हिस्से में यह निर्माण ओमप्रकाश जायसवाल करा रहे थे। बताया कि कैंट पुलिस को मौके पर बुलाकर इस निर्माण को सील करके पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया। बताया कि डूब क्षेत्र में निजी भूमि पर भी कोई निर्माण नहीं कर सकता क्योंकि वह मास्टर प्लान में प्रतिबंधित क्षेत्र है। उधर सारनाथ वार्ड के बरईपुर शक्तिपीठ के सामने मुसाफिर सिंह यादव के मकान को जेई पीएन दूबे ने सारनाथ पुलिस की मदद से सील कर दिया।
50 मीटर है ग्रीन बेल्ट
वाराणसी विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 में वरुणा नदी की तलहटी के बाद दोनों ओर 50 मीटर का एरिया डूब क्षेत्र वाला हिस्सा ग्रीन बेल्ट घोषित है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति पेड़-पौधे लगा सकता है। खेती कर सकता है लेकिन पक्का निर्माण नहीं कर सकता है।
739 भवन चिंहित हैं वरुणा कॉरिडोर में
विकास प्राधिकरण ने चार साल पहले कराए गए सर्वे में वरुणा कॉरिडोर में 739 भवनों को चिंहित किया है। हालांकि यह भवन काफी पुराने हैं और जब निर्माण की मनाही नहीं थी तब के बने हुए हैं। इसीलिए सर्वे में इन मकानों के डूब क्षेत्र में आने के बाद भी वीडीए कार्रवाई से हट गया है।
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