- इम्तियाज़ ग़ाज़ी का नाम ‘इंडिया बुक रिकार्ड’ में दर्ज ।
- किताब के बारे में शबाना आज़मी और मुनव्वर राना ने भी लिखा है !
गाज़ीपुर (दिलदारनगर)। जिले के रकसहां गांव के रहने वाले युवा शायर इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी का नाम ‘इंडिया बुक रिकार्ड’ में दर्ज़ कर लिया गया है। हाल ही में इनकी पुस्तक ‘फूल मुख़ातिब हैं’ प्रकाशित हुई है। इस किताब में सिर्फ़ ‘फूल’ पर 300 शेर हैं। आजतक पूरे देश में कोई भी शायर सिर्फ़ फूल पर 300 शेर नहीं लिख सका है, यह काम करके श्री ग़ाज़ी ने कीर्तिमान स्थापित किया है। तकरीबन 15 दिन पहले इंडिया बुक रिकार्ड की तरफ उनसे उनकी किताब आदि कागज़ात मांग गए थे। मामले की पडताल के बाद ‘इंडिया बुक रिकार्ड’ में उनका नाम दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि पुस्तक ‘फूल मुख़ातिब हैं’ अन्य पुस्तकों से बिल्कुल अलग है। पुस्तक की भूमिका में जहां मुनव्वर राना ने लिखा है-‘ शायरी में नेचर से दूर होते हुए मौसम में कुछ सरफिरे हैं जो आज भी ग़ज़ल की साख़ों पर शेरों के फूल खिलाते रहते हैं। ये बड़ा काम है क्योंकि कल इतिहास लिखने वालों के लिए आज का बेरंग और बदनुमा मौसम खुश्बू की गवाही देने के लिए कुछ शायर और कवियों को अपने पास महफूज़ रख सके। किसी एक टॉपिक पर 300 फूल खिला देना मुश्किल ही नहीं, बहुत मुश्किल काम है। इम्तियाज़ गा़ज़ी उम्र के ऐतबार से अभी जवान हैं, लेकिन फूल खिलाने वाले की उम्र नहीं उसका शौक़ और उसकी लगन देखनी चाहिए। और यूं भी बंज़र से बंज़र ज़मीनों ंपर फूल उगाने के लिए हौसले के साथ जवानी भी चाहिए। इम्तियाज़ के उगाए हुए फूलों ंसे उनके जज़्बे और उनकी तहज़ीब की खुश्बू भी आती है।‘ वहीं मशहूर फिल्म अभिनेत्री शबाना आज़मी ने लिखा है कि-‘ इम्तियाज ग़ाज़ी साहेब की शायरी में उनकी मिट्टी की महक आती है और इसलिए वो आपके दिल में उतर जाते हैं। इनकी शायरी में सच्चाई कूट-कूट कर भरी है, आज ऐसी की शायरी की जरूरत है। उनका अदब के लिए बेहद ख़ास और उल्लेखनीय है।‘ श्री ग़ाज़ी की अब तक 15 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। आजकल वे ‘21वीं सदी के इलाहाबादी’ नामक किताब लिखने में व्यस्त हैं।