गोंठा। दोहरीघाट सीएचसी अंतर्गत नया पीएचसी गोंठा का हाल बुरा है। यहां चिकित्साधिकारी नदारद रहते हैं। फार्मासिस्ट ओपीडी चलाते हैं। एक रुपए वाली पर्ची पर फार्मासिस्ट दवा लिखते हैं। अब ये दवा मरीजों को फायदा करता है या नुकसान वो तो भगवान ही मालिक हैं।
बहरहाल अगर आप इस अस्पताल में अपना इलाज कराने जा रहे हैं तो ओपीडी की पर्ची पर दवा लिखने वाले से उसका पद जरूर पूछ लीजिए वरना धोखा खा जायेंगे। दरअसल इस अस्पताल में चाहे फार्मासिस्ट हों या वार्डबॉय सभी एमबीबीएस हैं! वाकिया 19 मई का है। गोंठा गांव के स्थानीय निवासी रोहित के सीने में दर्द हो रहा था। रोहित नजदीकी अस्पताल यानी नया पीएचसी गोंठा पहुंचे। एक रुपए वाली पर्ची कटाई। उसके बाद पर्ची काट रहे वार्ड बॉय सीपी राय ने पूछा क्या तकलीफ है। रोहित ने अपनी तकलीफ बताई। फिर क्या वार्डबॉय ने एक रुपए वाली पर्ची पर एमबीबीएस की तरह कलम चला दी। लिख दी दवा और कहा कि जाइए दवा खाइए आराम हो जायेगा।
अब सवाल ये है कि क्या फार्मासिस्ट और वार्डबॉय के भरोसे चलेगा नया पीएचसी गोंठा? लाखों का पैकेज डकारने वाले चिकित्साधिकारी घर रहकर उठाएंगे तनख्वाह? क्या सब जानकर भी सीएमओ रहेंगे मौन? कई यक्ष प्रश्न है।
गांव के अभिषेक राय, आशीष राय, सौरभ राय, निखिल राय, संजय उपाध्याय, मुरलीधर, विवेक, विपुल, अभिनव, आंसू, रामबिलास, शुभम और ग्राम प्रधान राम जनम गुप्ता ने सीएमओ मऊ से मांग की है कि उक्त प्रकरण की जांच कराएं साथ ही दोषियों पर विधि संगत कार्रवाई कराएं। राम जनम गुप्ता ने कहा कि यदि किसी तरह का ढुलमुल रवैया अपनाया गया तो जनता स्वास्थ्य विभाग में हो रही इस तरह की गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर होगी।