Wednesday, December 6, 2023
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प्रधानाचार्य के बढ़ावे पर 8 साल की बच्ची को फर्जी तरीके से सरकारी विद्यालय में शिक्षिका का कार्य कर रही अध्यापिका ने जम कर पीटा

प्राथमिक विद्यालय बिछिया में हेड मास्टर फखरुद्दीन ने अपने ही समुदाय की फर्जी तरीके से सरकारी विद्यालय में रखा टीचर जिससे करवाया जा रहा शिक्षण कार्य जो अपने समुदाय को दे रही प्राथमिकता और हिंदू समुदाय के विद्यार्थियो को पीट कर भगाने की करती है अप्रिय काम जिससे बचाया जा एमडीएम और फल वा दूध**खंड शिक्षा अधिकारी मिहीपुरवा अजीत सिंह को बजरंग सेना के सदस्यों के साथ अंशिका निषाद के चाचा गोविंद निषाद ने इस क्रूरता के खिलाफ शौपा ज्ञापन और हेड मास्टर पर कार्यवाही करने की की मांग

प्राथमिक विद्यालय बिछिया/बहराइच

जिला बहराइच अंतर्गत न्याय पंचायत आम्बा के ग्राम बिछिया में चल रहे प्राथमिक विद्यालय में हेड टीचर फखरुद्दीन द्वारा रखी गई फर्जी तरीके से अध्यापिका जिसका नाम फिजा शमरीन बताया जा रहा है ने 8 साल की मासूम बच्ची को बेत की छड़ी से जमकर पीटा क्योंकि वह विशेष समुदाय की विद्यार्थी से वार्तालाप कर झगड़ने लगी थी तो फर्जी पढ़ा रही जिफ शामरीन ने अंशिका को पीट दिया और अपने समुदाय के विद्यार्थी को डाट कर छोड़ दिया।फिजा शमरीन ने अंशिका निषाद को ऐसी जगह करारा बेत मारा जहा नही मारना चाहिए था क्योंकि यदि एक से डेढ़ फिर ऊपर लग जाता तो बच्ची की जान भी जा सकती थी जिस वजह से बच्ची के चाचा गोविंद निषाद नाराज हुए।कोई भी अभिभावक ये बर्दास्त नही कर सकता जिस प्रकार से भेदभाव कर बच्ची को बिना दया के पीटा जाए।यह एक बार नही अपितु इससे पहले भी इस प्रकार से कई बार बच्चो को बेरहमी से पीटा गया जिसकी शिकायत फखरुद्दीन से की गई लेकिन फखरुद्दीन ने कोई एक्शन नहीं लिया न ही फर्जी रूप से पढ़ा रही अध्यापिका को किसी प्रकार की चेतावनी दी जिससे अध्यापिका को और बल मिलता गया।ऐसे पीटे जाने के डर से विद्यार्थियो ने विद्यालय जाना बंद कर दिया तो परिजनों ने कारण पूछा तो बच्चो ने अपने शरीर पर बनी चोट की बरतो को दिखा रोने लगे और अपने अभिभावकों से स्कूल न जाने की मिन्नते करने लगे तो बच्ची के चाचा ने पूरा प्रकरण पता किया

और जब पता चला फर्जी रूप से पढ़ा रही अध्यापिका जिसे हेड मास्टर फखरुद्दीन ने अपने ही समुदाय से रखा है जिसके द्वारा भेदभाव करते हुए विद्यालय को सिर्फ अपने समुदाय के बच्चो के लिए ही विशेष बनाया जा रहा है तो गोविंद निषाद ने हेड मास्टर फखरुद्दी से शिकायत की पर परिणाम कुछ भी नहीं क्योंकि शिकायत करने पर शिकायत करने वाले बच्चो को और टार्चर किया जाने लगा।जब पानी सर से ऊपर हो गया तोगोविंद निषाद ने बजरंग सेना को सारी बात बताई और सेना को साथ लेकर हेड मास्टर से बात करने स्कूल पहुंच गए परंतु हेड मास्टर फखरुद्दीन विद्यालय में नही थे और रहते भी नही है जिसकी भरपाई के लिए फर्जी रूप से फिजा शमरीन को विद्यार्थियो को पीट कर दब्बू बनाने के लिए रखा है ताकि हेड मास्टर साहब की मनमानी चलती रहे और मार के डर से बच्चे उनके न आने की शिकायत न कर सके इस लिए फखरुद्दीन ने अपने ही समुदाय की फर्जी तरीके से दो अध्यापिकाओ को लगा रखा है।जब बात करने के लिए फखरुद्दीन नही मिले तो बच्ची के चाचा गोविंद निषाद ने उपस्थित अध्यापिका से अपनी शिकायत करने लगे तो अध्यापिका भी भड़कने लगी मौके पर उपस्थित पत्रकारों को वीडियो न बनाने के लिए जोर देने लगी ताकि मामला रफा दफा हो जाए पर पत्रकारों को अपना काम करना आता है उन्होंने अपना परिचय दिया और कहा कि पत्रकार का काम है कवरेज करना और सत्यता को प्रकाशित करना इस बात को सुन कर वह अपनी गलती स्वीकार की और कवरेज करने दिया पर वह बच्ची के चाचा को अपनी बातो से दबाने में लगी रही परंतु चाचा ने अपनी पूरी ब्यथा नम्रता से बताया और जिस फर्जी अध्यापिका ने बच्ची को क्रूरता से पीटा था उससे भी पूछा क्यों मारा तो वह बोली पढ़ाते है तो मारेंगे कहा और जब पीड़ित बच्ची से पूछा तो उसने बताया कि मैम जी ने सिर्फ मुझे पीटा पर अपने परिवार के बच्चे को नही पीटा।आरोप है की फिजा शमरीन और फखरुद्दीन द्वार हिंदू बच्चो को टारगेट कर पीटा जा रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए बजरंग सेना के लोगो ने भी इस विषय पर आवाज उठाई और विद्यालय जाकर अपनी बात रखी। बजरंग सेना के जवानों ने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी मिहीपुरवा को ज्ञापन भेजा जिसे एनपीआरसी कारीकोट कार्यालय पर जाकर अध्यापक को रिसीव करवाया गाय।इस विषय की जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी को लगी तो उन्होंने तत्काल एक्शन लिया और फर्जी रूप से विद्यालय में पढ़ा रही शिक्षिकाओं को तत्काल स्कूल से निकाल दिया और हेड मास्टर से जवाब देही नोटिस जारी कर दी साथ ही विशेष जांच कराने की बात भी कही और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर हेड मास्टर को बर्खास्त करने की भी बात कही।देखना यह है कि क्या इस मामले में शिक्षा विभाग के निगेहबान अपनी निगाहे पैनी करते है या फिर सिर्फ लीपापोती कर मामले को दबा देते है।

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