रिपोर्ट राकेश पाण्डेय
सीतापुर। जनपद के सिधौली तहसील क्षेत्र के साथ ही पूरे सीतापुर जनपद में चिकित्सकों और फार्मासिस्टों कि डिग्रियां किराये पर चल रही हैं। वर्तमान समय में जनपद में पचास प्रतिशत मेडिकल स्टोर और क्लीनिक, नर्सिंग होम,पॉली क्लीनिक पैथोलॉजी है जो दूसरों की डिग्री पर किराये पर चल रहे है। इस काम की शुरुआत होती स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर से अगर किसी को मेडिकल का लाइसेंस य क्लीनिक चलानी है तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ्तर में जाये तो वहाँ के कर्मचारी और बाबू खुद ही सारी वयवस्था कर देते है बस उनके हाथ मे पैसा पहुँच जाये कैसे किसकी डिग्री लगानी है वहाँ वह खुद बता देंगे जनपद में हज़ारों झोलाछाप स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से अपना क्लीनिक चला रहे है।कोई चाहे जितनी भी शिकायत कर के देख ले स्वास्थ्य महकमा कोई कार्यवाही नहीं करता और अगर कोई आगे शासन में शिकायत करता है और कोई बड़ा अधिकारी अगर जांच करने आने वाला होता है तो यही विभाग के कर्मचारी उनको बता देते है कि आज फला अधिकारी जांच पर आने वाला है। नर्सिंग संस्थानों में इलाज की व्यवस्था की पोल खोल दी है। खास बात यह है कि कुकुरमुत्ते की तरह खुल रहे इन निजी नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। कहां तो ये भी जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अन्दर इसका एक रैकेट संचालित है। यही वजह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य सिधौली व कमलापुर से भी मरीज को बहलाकर ऐसे निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया जाता है। नर्सिंग होम के संचालक भाड़े पर डाक्टर और स्टाफ नर्स को बुलाकर ठगी का खेल खेलते हैं।