उदात्त मूल्यों के संवर्धन में पुस्तकों का योगदान उल्लेखनीय रहा : ADM श्री शिवप्रताप शुक्ल

हिंदी गौरव डॉ भवदेव पांडेय की पुण्य तिथि पर संगोष्ठी

मिर्जापुर। नगर के तिवराने टोला स्थित डॉ भवदेव पांडेय शोध संस्थान में ‘पारंपरिक पुस्तक और पत्रिकाएँ बनाम डिजिटल मीडिया’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) श्री शिव प्रताप शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मीडिया सदैव से ही विकासशील रहा है तथा पुस्तकों के पठन पाठन की संस्कृति ने उदात्त मूल्यों और आदर्शों का प्रसार कर व्यक्ति और समाज को अनुप्राणित किया है तथा निरंतर ही भौतिक और आध्यात्मिक सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है। आवश्यकता इस बात की है कि आज के आधुनिक डिजिटल माध्यमों के साथ प्रिंट साहित्य का समुचित तालमेल सुनिश्चित किया जाए,ताकि हमारी भाषा, साहित्य, संस्कृति, परंपरा और मानवता निरंतर समृद्ध बन सके। श्री शुक्ल ने डा भवदेव पांडेय की 14वीं पुण्य-तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डा पांडेय हिंदी संसार के अग्रणी आलोचक और विद्वान थे।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवर्तन करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के राजभाषा अधिकारी श्री यथार्थ पांडेय ने कहा कि विकासशील सूचना तकनीक और भाषा प्रौद्योगिकी डा भवदेव पांडेय के साहित्य और आलोचना दृष्टि का प्रमुख सरोकार था। पारंपरिक पुस्तक बनाम डिजिटल मीडिया का प्रश्न बड़े सैद्धांतिक विमर्श का विषय है जिसे सुविख्यात पश्चिमी दार्शनिक मार्शल मैक्लुहान ने मीडियम सी संदेश है, के सिद्धांत द्वारा वैचारिक आधार दिया था । इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री बृजदेव पांडेय ने कहा कि अति यांत्रिकता मनुष्य की नियति है औश्र हमें इसके प्रयोग में विवेकशील रहना होगा। डिजिटल मीडिया प्रायः पाठ से हमारे ध्यान का उच्चाटन कर हमें बाजारवादी प्रचार की ओर उन्मुख करता है। विशिष्ट अतिथि के रुप में पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने डिजिटल मीडिया के लाभ तथा हानि का तुलनात्मक दृश्य रेखांकित किया जबकि साहित्यकार श्री गणेश गंभीर ने कहा कि मनुष्य की मेधा का पूरी तरह कृत्रिम मेधा में अंतरित होने से मानवीय सभ्यता के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। वास्तविक मुद्दा परंपरा और तकनीक के बीच विरोध का नहीं है, बल्कि अपनी समृद्ध श्रव्य वाचिक और दृश्य परंपरा को बचाए रखने का है।
इस अवसर पर डॉ एस एन पाठक, केशवनारायण पाठक, शिवशंकर उपाध्याय, शक्ति श्रीवास्तव, रेखा चौरसिया आदि ने विषय के विविध पहलुओं पर विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विंध्याचल मण्डल के DIG श्री आरपी सिंह डॉ भवदेव पांडेय के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धाजंलि प्रदान की। इस अवसर पर उन्हें उत्तरीय भेंट किया गया। स्वस्तिमन्त्र पाठ पँ जगदीश द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का सन्चालन डॉ रमाशंकर शुक्ल तथा आभार सलिल पांडेय ने व्यक्त किया।

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