भांवरकोल । हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी इस साल 18 सितंबर सोमवार को पड़ रहा है। जिले के दुबिया गांव निवासी कर्मकांड विद्वान पंडित बड़क पांडेय ने बताया शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने पर घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत को सुहागनों के लिए बहुत ही खास होता है इस दिन शादीशुदा महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरतालिका तीज के दिन व्रती महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति के लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के अलावा कुवांरी कन्याएं भी रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि कुवारी कन्याएं ये व्रत करती है तो इसके पुण्य प्रभाव से उन्हें मनचाहा वर मिलता है.
हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ श्रीगणेश जी की भी पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने के लिए आप सबसे पहले इनकी मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं. इसके बाद भगवान गणेश का तिलक करके उन्हें दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद आप भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें. फिर तीनों देवी-देवताओं को वस्त्र अर्पित करें और हरतालिका तीज की कथा सुनें या पढ़ें. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारे और उन्हें भोग लगाएं.
भांवरकोल(गाज़ीपुर ):हरतालिका तीज रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है :पंडित बड़क पांडेय
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