कुशीनगर से अनिल राय की रिपोर्ट
एपीआई न्यूज एजेंसी
कुशीनगर।मनोविज्ञान विभाग, बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुशीनगर द्वारा सोमवार को मनोविज्ञान के विद्यार्थियों के लिए एक जागरूकता एवं उन्मुखता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों को मनोविज्ञान में उप्लब्ध कैरियर विकल्पों तथा उसके लिए आवश्यक कौशल के बारे में सूचित किया गया। “मनोविज्ञान का अध्ययन एवं रोजगार के अवसर” विषय पर बोलते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली से आए हुए वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ देवेश नाथ त्रिपाठी ने बताया कि किसी भी विषय में आगे बढ़ने के लिए ज्ञान और अनुभव दोनो आवश्यक होते हैं। दिमाग के साथ अपने अनुभवों का भी प्रयोग करें, जिसे रिफ्लेक्टिव थिंकिंग कहा जाता है, तभी आप सफल हो सकते हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली से आये वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ राजेश त्रिपाठी ने “भारतीय ज्ञान परंपरा में मनोविज्ञान और कौशल विकास” विषय पर बोलते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा के बारे में बच्चों को विस्तृत ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या जनसांख्यकीय लाभांश और कौशल का अंतर, स्किल गैप, है। मनोविज्ञान के विद्यार्थियों को न केवल अपनी रुचि, अभिक्षमता और योग्यता को समझना आवश्यक है बल्कि उन्हें अपनी अभिवृत्ति का भी जानना ज़रूरी है।
कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय पूर्व प्राचार्य तथा कार्यक्रम संयोजक प्रो अमृतांशु शुक्ल, अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सिद्धार्थ पांडेय व आभार विभागाध्यक्ष प्रो रामभूषण मिश्रा द्वारा किया गया। संचालन कार्यक्रम की आयोजन सचिव प्रो सीमा त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर विभाग द्वारा सेवानिवृत्त हो रहे विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तूफानी प्रसाद को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में प्रो कुमुद त्रिपाठी, प्रो रवि पांडेय, डॉ सत्यप्रकाश, डॉ रीना मालवीय, डॉ अनुज कुमार, डॉ इंद्रजीत मिश्र, डॉ अर्जुन सोनकर, डॉ गौरव तिवारी, डॉ राघवेंद्र मिश्र, डॉ निगम मौर्य, डॉ पारस नाथ, डॉ निरंकार राम, डॉ कृष्ण कुमार, डॉ राकेश राय, डॉ दुर्गविजय पाल सिंह, डॉ सी पी सिंह, डॉ राजेश कुमार, डॉ विशेषता मिश्र, डॉ वीरेंद्र साहू, नेबुलाल समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।
