पानी के अभाव में परती पडे खेत, रोपनी का किसान कर रहे इंतजार
सेवराई ।(गाजीपुर): बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपनी प्रभावित हो गई है। रोपनी के लिए जुलाई माह भी समाप्त हो गया है। परंतु विकास खंड भदौरा में 60 प्रतिशत खेत परती हैं। जहां रोपनी हुई भी हैं वे किसान फसल बचाने के लिए परेशान हैं। ऐसे जगहों के किसान बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं और आसमान की ओर नजर टिकाए हुए हैं।
भदौरा ब्लाक के गहमर, बारा, सायर, रायसेनपुर, करहिया आदि गांवों के किसान का जिनका खेत चौधरी चरण सिंह नहर के नजदीक विभिन्न मौजा के सिवान में है। इन किसानों को प्रकृति और सरकार दोनों की मार झेलनी पड़ रही है। इनके खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंचता है, इसके बावजूद पटवन कर लिया जाता है। यहां माइनरों की सफाई भी नहीं होती है। गहमर निवासी किसान मुन्ना पाण्डेय कहते हैं कि माइनर की सफाई नहीं होने से पानी उनके खेत तक नहीं पहुंचता है। महज 10 इंच का मोरी है और ऊपर के खेत से पानी नीचे बढ़ ही नहीं पाता।बिजली की आपूर्ति भी अनियमित है।अन्नदाता बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह नहर में जूलाई माह बीत गया लेकिन गहमर में टेल इंड तक पानी पहुंचा ही नहीं है। सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कभी भी नहरों की स्थिति का जायजा नहीं लेते हैं। कृषि वैज्ञानिको के अनुसार जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसे किसान जिनके खेतों में पानी की परेशानी हो उन्हें परंपरागत खेती में बदलाव करने की जरुरत है। ऐसे किसानों को अरहर, उड़द, सब्जी मोटा अनाज आदि की खेती करना लाभदायक होगा। इसमें कम पानी भी लगेगा। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि जहां पानी की समस्या है वहां के किसान को मोटे अनाज का उत्पादन करना चाहिए।