विगत दिनों 10 करोड़ का टेंडर हो चुका है निरस्त गड़बड़ी करने में पीओ का छिना था चार्ज।
मऊ- नगरीय विकास अभिकरण डूडा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है बताते चलें कि इस विभाग में पहले भी काफी अनियमितता होती रही है जिसके चलते तत्कालीन पीओ का चार्ज भी छिन चुका है एक बार फिर इस विभाग पर ठेकेदारों ने ही अनियमिता का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को एक पत्र दिया है जिसमें कहा है कि निविदा के बहाने सरकारी धनों के बंदरबांट करने की तैयारी की जा रही है।
सआथ ही ठीकेदारों ने परियोजना अधिकारी पर शोषण का आरोप भी लगाया है। जिसमें कहा गया है कि
मऊ मे जिला नगरीय विकास अभिकरण के द्वारा नाली व इण्टरलांकिंग कार्य हेतु निकाली गयी निविदा पत्रांक सं0 135 डूडा मऊ ई निविदा/2023-24 दिनांक 17.07.2023 पर सवाल उठाया है। साथ ही निविदा मे कराये जाने वाले कार्यों की लागत आदि का उल्लेख नहीं है। जिसको लेकर नितीश पाठक ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र देकर, प्रकाशित निविदा पर सवाल खड़ा किया है। इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा जांचकर कार्यवाही करने का आश्वासन मिला है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला नगरीय विकास अभिकरण मऊ के द्वारा दिनांक पत्रांक सं0 135 डूडा मऊ ई निविदा/2023-24 दिनांक 17.07.2023 पर सवाल खड़ा उठाते हुए कहा है कि उक्त आनलाइन निविदा में किसी भी कार्य की सम्पूर्ण लागत नही दिखायी गयी है। उक्त आनलाइन निविदा में मात्र कार्य निविदा शुल्क व धरोहर राशि की माॅग की गयी है। जबकि कार्य की लागत भी अंकित होना चाहिए। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस कार्य की कितनी लागत है। जिसपर धरोहर राशि व निविदा शुल्क देनी है। उक्त निविदा में जो कार्य की धरोहर राशि व निविदा शुल्क विभाग द्वारा माॅगा गया है इससे यह स्पष्ट है कि जो निविदा निकाली है उसमें कार्य परियोजना के लागत के साथ-साथ सेन्टेज व जी0एस0टी0 एवं लेबर शेष जोड़कर उक्त निविदा निकाली गयी है। जिससे लगभग 31.5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि का भार परियोजना अधिकारी द्वारा ठेकेदारों पर डाला जा रहा है जो नियम विरूद्ध है।इस संबंध में कहा है कि पी0डब्लू0डी0 द्वारा कोई भी निर्माण कार्य हेतु निविदा निकाली जाती है तो उसमें परियोजना की लागत होती है उतने का ही निविदा शुल्क और धरोहर राशि दी जाती है। जिसमें जी0एस0टी0 नहीं जोड़ी जाती है। परंतु जो निविदा डूडा मऊ द्वारा निकाली गयी है उसमें कार्य के लागत के साथ-साथ सेन्टेज भी निकाली गयी है जो नियम विरूद्ध है। जबकि सेन्टेज का पैसा जनपद स्तर पर उपलब्ध नही होता है एवं सेन्टेज के राशि से डूडा के कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है। साथ ही आधे से ज्यादा कार्यों की तकनीकि स्वीकृति नही ली गयी है।
उक्त निविदा में धरोहर राशि जो 3 वर्ष के लिए परियोजना अधिकारी द्वारा माॅगा गया है अनुरक्षण हेतु ऐसी व्यवस्था सिर्फ पी0एम0जी0एस0वाई0 में है। जिसमें अलग से धनराशि की व्यवस्था की गयी है। आरोप लगाया कि परियोजना अधिकारी द्वारा ठेकेदारों को मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा है। फिलहाल ठीकेदारों द्वारा जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।चुंकि जनपद मऊ नगर विकास मंत्री के शर्मा का गृहक्षेत्र रहने के कारण प्रत्येक कार्य पर उनकी नजर रह रही है यही कारण है कि अनियमितता के चलते विगत दिनों 10 करोड़ का टेंडर निरस्त हुआ था।अब ठेकेदारों द्वारा ही परियोजना अधिकारी पर शोषण का आरोप लगाया गया है,ऐसे में देखना होगा इस मामले को विभाग कितना गंभीरता से लेता है।