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Wednesday, October 4, 2023

मुहर्रम – ताजिया व चौंक बनाना जायज़ नहीं : एमाम रहमतुल्ला कादरी

  • एमाम हसन व हुसैन के शहादत की याद में यौम-ए-आशुरा का रखें रोजा,करें इबादत

विशेष संवाददाता : मो0सरफराज
आजाद पत्र
कुशीनगर : जिले में पडरौना क्षेत्र के अंतर्गत गांव जंगल बनबीरपूर,शेखटोंलिया जमा मस्जिद के खतिब-व-एमाम हाफिज व कारी रहमतुल्ला कादरी ने आगामी त्यौहार मुहर्रम पर्व के मद्देनजर रविवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए मुल्क-ए-हिंद के सभी मोमिनो को एक जरूरी पैगाम देते हुए कहा कि मुहर्रम-उल-हराम के महीने की बहुत बड़ी फजीलतें यानी विशेषताएं हैं। यह त्यौहार एमाम हसन व हुसैन रजि.अह. की शहादत की याद में मनाया जाता है। जिसमें यौम-ए-आशूरा के दिन सभी मोमिनो को रोजा रखना चाहिए,जो बहुत बड़े सवाब का काम है। उन्होंने बताया कि मुहर्रम-उल-हराम के महीने में मोमिनो द्वारा अनेक प्रकार की व्यवस्था एवं गरीबों में सहयोग करना चाहिए।

आपको बता दें कि अल्पसंख्यक धर्म गुरु हजरत एमाम साहब ने बताया कि आगामी त्योहार 29 जुलाई बरोज शनीवार को 10वीं मोहर्रम के दिन इस्लाम व शरियत के मुताबिक त्योहार को मनाई जाए। हालांकि वहीं अक्सर मुसलमानों में यह देखने को नहीं मिलता है,हजरत ने कौम के लोगों के लिए पैगाम देते हुए फतावा रिजविया के फरमान के मुताबिक ताजियादारी करना हराम व नाजायज बताया,जबकि ताजिया बनाना व देखना बिल्कुल जायज नहीं है। जरूरी यह है की दसवीं मुहर्रम के दिन अखाड़े और ढोल-तासा,नगाड़े जैसे हराम कामों की जगह,एमाम-ए-हुसैन की याद में अमन व शांति के साथ मिलजुल कर जुलूस निकालें व पर्व को मनाएं। साथ ही साथ इसका विशेष ख्याल रखें की अन्य किसी भी समुदाय के लोगों को किसी भी प्रकार की ठेस या तकलीफ ना पहुंचे। उन्होंने मोहर्रम त्यौहार को लेकर सख्त पैगाम देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक युवाओं में बेअंदाज तरीके से अनेक हरकत नारेबाजी व कूद-फांन करना बिल्कुल सही नहीं है,वहीं जबरिया ताजिया को लेकर कहीं भी किसी भी किस्म का किसी भी समुदाय के लोगों से विवाद नहीं करना चाहीए। उन दिनों सबसे जरूरी कार्य एमाम हसन व हुसैन के नाम पर लोगों में अधिक से अधिक जलपान व लंगडखाना समेत स्टाल लगाएं और गरीबों,मिस्कीनों,यतिमो, लाचार,असहाय,लोगों का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें। दिलखुशुस दसवीं मोहर्रम के दिन सबसे जरूरी सभी लोग यौम-ए-आशूरा का रोजा रखें और इबादत करें।

गौरतलब हो कि हजरत एमाम रहमतुल्ला साहब ने चौक पर जाने और कर्बला के सिलसिले में उन्होंने मीडिया से कहा कि मुसलमानों को कर्बला जाने के नाम पर बिल्कुल सही तरीका नहीं है,जो कहीं भी किसी भी स्थान या जगह को कर्बला मान लेना जो बिल्कुल सही व जायज नहीं। जिसे उन्होंने सरासर गलत करार देते हुए उन सब बेकार कामों को करने से सभी मोमिनो को एहतियात बरतने के लिए संदेश दिया। हालांकि वहीं कौम की औरतों को लेकर उन्होंने कहा कि जो हर जगह गांव,गली,चौक,चौराहों पर एमाम साहब के नाम पर चौक बनाकर फातिहा व चौकीदारी के साथ उस चौक को औरतें दूध से धूलने के कार्य को बिल्कुल पत्थर पूजा की तरह शिर्क व गुनाह बताया,जो इस्लाम में सरासर गलत बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अप्रशिक्षित लोगों के जरिए मन्नतों के नाम पर छोटी-छोटी ताजिया बनाना व चौक में गोद भरने के नाम पर कौम की औरतें बहुत बड़ी गलती करती हैं,जो गुनाहों के दलदल में फंसने के बराबर है। जिसे कौम में सुधार करते हुए सबको मिलजुल कर इन सब फिजूल कामों से बचना व दूसरे को बचाने का सलाह देना सबसे बड़ा सवाब व नेक कार्य है। बताते चलें कि इसी अंतिम क्रम में कुशीनगर जिले में एक सिगहा गांव में 20 लाख रुपए की लागत में बनाई जा रही ताजिया पर हजरत ने सख्त तेवर अख्तियार करते हुए कहा कि इससे इस्लाम की बदनामी के शीवाय कुछ हासिल नहीं है। जो बिल्कुल ठीक नहीं है,जिसे फिजूलखर्ची के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता,जबकि उस रकम से कोई दूसरा नेक कार्य समाज में लेकर किया जाना चाहिए था,जो समाज के हित में बेहतर साबित हो सके। हालांकि वहीं आगामी मोहर्रम त्योहार को लेकर जिले में जिला-प्रशासन पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त है,जबकि जिले में सभी थानों पर पीस कमेटी की बैठक के हवाले से दोनों समुदाय के लोगों को जागरूक व आपसी सौहार्द कायम कर त्योहार मनाने की अपील की जा रही है। जिले में आला अफसर के फरमान पर चहुओर पुलिस गस्त कर रहीं हैं,तो वहीं मनबढ़ व अराजकतत्वों पर पुलिस सख्ती बरतने का कार्य कर रही है।

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