पौधों की सुरक्षा की कोई इंतजाम नहीं। सरकारी धन का हो रहा बंदरबांट
लखनऊ 22 जुलाई। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने सरकार के वृक्षारोपण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार का वृक्षारोपण सिर्फ कागजों पर चल रहा है, वृक्षारोपण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से पानी की तरह बहाने के बाद क्या विभाग इसके सुरक्षा का भी कोई प्रबंध करता है?या प्रतिवर्ष केवल वृक्षारोपण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता है? उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि विगत वर्षो में लगाये गये कितने पेड़ अस्तित्व में है। सरकारी तंत्र और सत्ताधारी पार्टी के लोग इस अभियान को अपने फोटोग्राफी तक सीमित किये हैं। पेड लगाते समय फोटो खिंचवाने के बाद लगे पेड़ की सुरक्षा के विषय में भूल जाते हंै। जो सरकार सांड और आवारा पशुओं से निजात के कोई उपाय नहीं कर पायी वह ट्री गार्ड के नाम पर 35 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कह रही है?
आज लखनऊ में जारी बयान में श्री दुबे ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है। भाजपा सरकार ने किसानों को संकट में डाला है। महंगाई लगातार बढ़ने से खेती का लागत मूल्य बहुत बढ़ गया है। डीजल, खाद, बीज, कीटनाशकों की कीमतें कई गुना बढ़ गयी है लेकिन किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हालात यह है कि किसानों के गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा समेत अन्य मोटे अनाजों की फसलों का लागत मूल्य नहीं निकल रहा है। किसानों को हर साल महंगा बीज खरीदना पड़ता है। डीजल के बढ़े दामों में जुताई, सिंचाई और ढुलाई महंगी हो गयी है। श्री अन्न के नाम पर इन दिनों सरकार बहुत प्रचार कर रही है किन्तु किसान का मक्का दाना 20रू0 किलो बिक रहा है जबकि उसका बीज साढ़े तीन सौ रुपये किलो मिल रहा है। इस मक्का का बीज दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है।
श्री दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां किसान विरोधी है। भाजपा की गलत नीतियों के कारण किसान लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है और आत्महत्या करने पर विवश है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों का हित नहीं चाहती है। भाजपा पूंजीपतियों की पोषक है। किसानों की फसल को बिचौलिए लूट रहे हैं। किसानों की फसल सस्ते में खरीदकर कुछ बड़ी कंपनियां आम जनता को महंगा सामान बेचकर मुनाफा कमा रही है।