Tuesday, December 5, 2023
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अरशद मदनी बोले ‘अल्लाह और ओम एक’, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मंच पर बवाल

दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने अपने संबोधन के जरिए सरकार को शिकायतों की लंबी फेहरिस्त सुनाई। देशभर में धर्म को लेकर हर कोई विवादों में दिख रहा है। पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने अपने संबोधन के जरिए सरकार को शिकायतों की लंबी फेहरिस्त सुनाई। अब मौलाना अरशद मदनी ने कुछ ऐसा कहा कि जैन गुरु लोकेश मुनि और कई दूसरे धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया। दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत की आलोचना करते हुए कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं। मदनी ने कहा कि हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सारे मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान जाहिल जैसा है। अरशद मदनी के इस बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टेज पर खड़े होकर विरोध जताया और कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों?बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं: महमूद मदनीइससे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी का बयान सामने आया था। मदनी ने कहा कि बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेद हैं। RSS के संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स को लेकर कई समस्याएं हैं, लेकिन वर्तमान RSS प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मतभेदों को खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं।नफरत से किसी का भला नहीं- स्वामी चिन्मयानंदजमीयत के मंच से स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि नफरत से किसी का भला नहीं हुआ, लेकिन मोहब्बत से पूरी जिंदगी गुजारी जा सकती है। मजहब के नाम पर बंटवारा हुआ तो एक देश दो हो गए।अधिवेशन में कई प्रस्ताव पासजमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में कई प्रस्ताव पास किए गए। देश की एकता अखंडता के साथ-साथ मजहबी भाईचारे को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। यूनिफॉर्म सिविल कोड और हेट कैंपेन के खिलाफ भी बातें कही गईं। साथ ही अधिवेशन में शामिल मौलवियों ने सांप्रदायिकता के खिलाफ भी बातें कही। जमीयत ने इस्लाम के नाम पर जिहाद की गलत व्याख्या कर आतंकवाद और हिंसा का प्रचार करने वाले तथाकथित संगठन को ना देश के हित में और ना ही इस्लाम के अनुरूप बताया।

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