उपनिरीक्षक निरंजन राय के नेतृत्व में टीम गठित कर खोजबीन के लिए किया गया था रवाना
बच्चों को सकुशल पाकर परिजनों में दौड़ी खुशी की लहर
पुलिस की सक्रियता की क्षेत्र में खूब हो रही है सराहना
by-Anil kumar rai

एपीआई न्यूज एजेंसी
कुशीनगर।नेबुआ थानाक्षेत्र के खोटही गांव से गत सोमवार को साइकिल बनवाने निकले गायब तीन नाबालिग बच्चों की पुलिस की सक्रियता के चलते मामला सज्ञान में आने 12 घण्टे के अंदर ही सकुशल घर वापसी हो गई।बच्चों को पाकर जहाँ परिजनो में खुशी का माहौल बना हुआ है वही क्षेत्र में पुलिस के सक्रियता की खूब सराहना हो रही है।
बताते चले कि उक्त गांव निवासी संजय कुशवाहा का 11 वर्षीय पुत्र आदित्य,अवध विहारी का 11 वर्षीय पुत्र आशीष तथा रामायण यादव का 10 वर्षीय पुत्र सन्नी गत सोमवार को 3 बजे के करीव आदित्य की साइकिल बनवाने की बात कह घर से निकले लेकिन पुनः वापस घर नही पहुच सके।परेशान परिजन पूरी रात हर परिचित जगह पर उनकी खोज की लेकिन वे नही मिले।अगले दिन मंगलवार को परिजन थाने पहुच पुलिस को इसकी सूचना दिए।मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस परिजनों के तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया तथा थानाध्यक्ष अतुल कुमार श्रीवास्तव खुद मौके पर पहुच परिजनों तथा अगल बगल से जानकारी ले उप निरीक्षक निरंजन राय के नेतृत्व में टीम गठित कर उनकी खोजबीन के लिए रवाना किया।उक्त टीम रेलवे स्टेशन,बस अड्डे सहित सार्वजनिक स्थानों पर उनकी तलाश के साथ ही पोस्टर चिपका रही थी कि इसी कड़ी में कप्तानगंज में उनकी खोज कर रही पुलिस के साथ मौजूद परिजनों के मोबाइल पर एक फोन आया जिसमे उक्त बच्चे वापस आने की बात कहे।टीम में मौजूद उप निरीक्षक निरंजन राय तत्त्काल कप्तानगंज से गोरखपुर रवाना हो स्टेशन पहुच बच्चों को सही सलामत थाने लाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया।इस सम्बंध में थानाध्यक्ष अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ में बच्चों ने बताया कि साइकिल बनवाने के वाद हम घूमने के इरादे से पडरौना चले गए जहां से ट्रेन पकड़ गोरखपुर पहुंच गए उसके बाद गोरखपुर से दूसरी ट्रेन पकड़ लिया तो रास्ते में पता चला कि यह ट्रेन पंजाब जा रही है उसके बाद उस ट्रेन से लखनऊ में उतर कर फिर गोरखपुर की ट्रेन पकड़ ली, रास्ते में किसी सहयात्री के फोन से परिजनों को सूचना दी कि हम वापस आ रहे हैं।जिस पर कप्तानगंज रेलवे स्टेशन पर परिजनों के साथ उनके तलास में जुटी टीम में मौजूद उनका लोकेशन लेकर गोरखपुर पहुच उन्हें लेकर वापस थाने आये।