मऊ- बात विजली विभाग की करते हैं, जिसके अधिकारी और कर्मचारी जनता से खुद चोरी करवाकर पैसा वसूलने का काम करते हैं और जो ईमानदार लोग हैं उनको सबसे ज्यादा कष्ट झेलना पड़ता है।कारण कि ईमानदार ब्यक्ति यदि ईमानदारी से मीटर लगवाता है और समय से बिल पेमेंट करता है तो सबसे पहले उसको कड़ी जांच का सामना करना पड़ता है।
कैसे परेशान करते हैं ईमानदार जनता को
एक वाकया बताता हूं अमिला बाईपास रोड पर एक मास्टर साहब वैध कनेक्शन लेकर मीटर लगवाकर समय से बिल पेमेंट करते हैं। उनके दरवाजे के सामने एक आम का पेंड़ था जो आंधी आने पर गिर गया जिससे मास्टर साहब का मकान क्षतिग्रस्त हो गया और पेड़ घर के सामने पड़ा था जिसको वह कटवाकर अपने घर का रास्ता साफ करवा रहे थे।तब तक वन विभाग का दरोगा आया और कहा कि यह पेंड़ सरकारी है आप कैसे कटवा रहे हैं उन्होंने बताया कि इस पेड़ को छाया के लिए मेरे पिता जी ने लगाया था,आंधी आने पर गिर गया अब अपने घर में जाने का रास्ता साफ करवा रहा हूं तो उसने उनसे पैसे की डिमांड की। पैसा न देने पर हरा पेड़ काटने का मुकदमा करवा दिया।बाद में जब उसके खिलाफ खबर चली तो तत्कालीन डीएफओ के हस्तक्षेप से मामले का निस्तारण हुआ और उसने मांफी मांगी।
अब इसी मामले में विजली विभाग की कारस्तानी जानिए
पेड़ गिरने से पेड़ के समीप से गुजर रहा विजली की केबल बीच से खंडित हो गई जिसको विद्युत विभाग के लाइनमैन आकर तार को जोड़कर टेप करके चले गए। फरवरी महीने में विजलेंस टीम आई और जांच में पता चला बीच में केबल खंडित है और उसने मुकदमा करके 1लाख 50हजार की पेनाल्टी ठोंककर विद्युत चोरी का मुकदमा कर दिया, मास्टर साहब को तब पता चला जब पोस्ट से नोटिस आई, मामले को मंत्री जी से लेकर ए० सी० साहब तक के संज्ञान में दिया गया।
ए०सी०(अधीक्षण अभियंता मऊ) के हस्तक्षेप के बाद दुबारा जांच में पाया गया कि केबल बीच से खंडित है और इसमें टेप नहीं सील करना चाहिए था। इसलिए इसको विद्युत चोरी माना जाएगा।
मा०मंत्री जी आपसे यह सवाल है कि मीटर और पोल के बीच में तार टूट जाता है तो उसपर टेप नहीं एमसील करना चाहिए यह बात कितने प्रतिशत जनता को पता है?शायद एक प्रतिशत भी जनता यह बात नहीं जानती और विभाग के चोर अधिकारी इसका फायदा उठाकर जनता को परेशान करते हैं। क्या यह जागरुकता का विषय नहीं है?
विजली विभाग के अधिकारी खुद चोरी करवाते हैं
मा० मंत्री जी अपने गृह जनपद मऊ में ही पता कर लीजिएगा जितने होटल और मैरेज लान वाले हैं हर विवाह या कार्यक्रम के दिन आपके विभाग के बड़े अधिकारी खुद जाकर उनका बाईपास कनेक्शन करवाते हैं और 4 से 5हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लेते हैं। ऐसा प्रदेश के हर शहर में होता होगा।और विभाग को करोड़ों का चूना यह अधिकारी खुद लगाते हैं। एसी वाले चोरी करते हैं और पंखा चलाने वालों के यहां जांचकर चोरी का मुकदमा किया जाता है। मंत्री जी अपने विभाग के अधिकारियों को जिस दिन सुधार देंगे उस दिन विजली की समस्या का समाधान हो जाएगा। यही कारण है कि यह लोग प्राइवेट नहीं होने देना चाहते ताकि यह मलाई काटते रहें तथा जनता और सरकार परेशानी उठाती रहे।