फूलबेहड़ ब्लॉक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार अमृत सरोवरो की जेसीबी से खुदाई करा मजदूरों के हकों पर डाला जा रहा डाका
विशाल भारद्वाज
लखीमपुर खीरी । एक तरफ सरकार गरीब मजदूरी पैसा लोगों को उनके ही गांव में रोजगार उपलब्ध कराने को प्रयासरत है जिससे ग्रामीणों को रोजगार के लिए दूरदराज के क्षेत्रों को पलायन ना करना पड़े इसके लिए भारत सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त प्रयास में अति महत्वकांक्षी योजना मनरेगा योजना चला रही है वहीं दूसरी तरफ ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव आपस में मिलीभगत करके अपनी ही सरकार के प्रयासों को पलीता लगा रहे हैं उक्त ग्राम प्रधान अपनी मनमानी करते हुए तालाबों की जेसीबी से खुदाई कराकर मजदूरों के हकों पर डाका डालते नजर आ रहे हैं जिसके चलते हकीकत के धरातल पर मनरेगा योजना दम तोड़ती नजर आ रही है ऐसा ही एक मामला विकासखंड नकहा व फूलबेहड़ में देखा जा सकता है आइए सबसे पहले हम आपको ले चलते हैं विकासखंड नकहा की ग्राम पंचायत बड़ा गांव जहां पर अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाब के सौंदर्यीकरण एवं निर्माण कार्य में तालाब की खुदाई जेसीबी से कराए जाने का मामला सामने आया है अमृत सरोवर में तालाब की खुदाई जेसीबी से होने के चलते ग्राम पंचायत के निवासी गरीब मजदूरों की जीविका पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं गरीब मजदूर अपने बच्चों को जीवकोपार्जन के लिए दूसरे प्रदेशों को पलायन करना पड़ रहा है वही ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव आपस में सांठगांठ करके अपनी अपनी जेब भरने में लगे हैं।
क्षेत्र पंचायत से कराए जा रहे हैं अमृत सरोवर कार्य में उड़ रही सरकार के प्रयासों की धज्जियां

दूसरा मामला विकासखंड फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत ज्ञानपुर का है जहां अंदेश नगर मार्ग से सटे तालाब को अमृत सरोवर के तहत विकसित करने का कार्य चल रहा है यहां पर भी जेसीबी से खुदाई करके तालाबों के चारों तरफ मेड़बंदी करा दी गई है इतना ही नहीं इस तालाब की अंदर से खुदाई नहीं कराई गई और नाही कोई सौंदर्यीकरण का कार्य कराया गया और नाही तालाब को आज तक विकसित ही किया गया था 6 माह होने को है तालाब आज भी अपने पुराने स्वरूप में पड़ा दिखाई दे रहा है आधा अधूरा पड़ा तालाब विकास खंड फुलबेहड के खंड विकास अधिकारी की कर्मठता और कार्य के प्रति उनकी सजगता व जागरूकता दर्शाने को काफी है इतना ही नहीं आनन-फानन में इस अधूरे कार्य वाले तालाब का उद्घाटन भी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी महाराज के द्वारा करके दो बड़े-बड़े बोर्ड जरूर लगा दिए गए लेकिन उक्त अमृत सरोवर आज भी अपनी बदहाली और जिम्मेदारों की दास्तां बयां करने को काफी है कि मनरेगा योजना के अंतर्गत जॉब कार्ड धारक मजदूरों से कराई जाती खुदाई तो सैकड़ों परिवारों को मुहैया हो जाते रोजगार के साधन और दूसरे शहरों को नहीं करना पड़ता पलायन मजदूरों में प्रधानों व अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही से खासा आक्रोश पनप रहा है यदि मामले की उपायुक्त मनरेगा कराएं निष्पक्ष जांच तो भारी भ्रष्टाचार होने के मामलों का होगा खुलासा ।