प्रवीण राय
भाजपा जीती तो मऊ को सिंगापुर बनाएंगे ए०के०शर्मा
प्रवीण राय
मऊ-नगर पालिका परिषद के चुनाव में नगर विकास एवं उर्जा मंत्री ए०के० शर्मा ने अपनी ताकत झोंक दी है तथा गली मुहल्लों से लेकर नुक्कड़ सभाओं एवं रोड शो के जरिए काबिले तारीफ मेहनत कर जनता से मऊ के विकास की बात करते नजर आए वहीं अपने संकल्प पत्र के माध्यम से नगर पालिका परिषद मऊ में पिछले दिनों हुए कार्यों को गिनाते हुए आगामी मऊ के विकास के लिए अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को संकल्प पत्र के माध्यम से जनता को यह बताने का भरपूर प्रयास किया कि यदि आप मऊ में कमल खिलाते हैं तो मैं विकास की गंगा बहा दूंगा और वास्तव में यदि मंत्री ए०के० शर्मा के संकल्प पत्र को ध्यान से पढ़ा जाए तो विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त इस संकल्प पत्र में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार से लेकर पार्क ,आडिटोरियम,कूड़ा निस्तारण,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट,तमसा रीवर फ्रंट, स्वच्छता आदि करोड़ों के जन-उपयोगी प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। यदि इस संकल्प पत्र के अनुसार यदि काम पूरा किया जाए तो वास्तव में मऊ की तस्वीर बदली-बदली सी नजर आएगी। और मऊ सिंगापुर जैसे दिखने लगेगा क्योंकि आबादी और क्षेत्रफल के आधार पर सिंगापुर और मऊ में समानता है और शायद इसीलिए कल्पनाथ राय भी मऊ को सिंगापुर बनाने की बात किया करते थे। यदि ए०के० का प्रयास रंग लाया तो वास्तव में कल्पनाथ राय का सपना साकार हो सकेगा। अगर हम बात करें मऊ के मतदाताओं के टेस्ट की तो घोर जातिवाद के जकड़न से घिरा यह जनपद इधर के 25 सालों से धर्म और जाति के आधार पर ही वोट करते चला आ रहा है। इसके पहले इस जनपद के सृजनकर्ता कल्पनाथ राय के समय यहां के लोग विकास के नाम पर वोट करते थे और पूरे प्रदेश क्या देश में भी मऊ का नाम विकास के लिए जाना जाता था परंतु कल्पनाथ राय के राजनीतिक काल में ही मऊ में माफिया मुख्तार का कलंक के रूप में पदार्पण हुआ और कल्पनाथ राय के देहावसान के बाद पूरी फील्ड खाली मिली और मुख्तार ने जमकर फायदा उठाया तथा इस विकासवादी मऊ की सोच को पूरी तरीके से धार्मिक और जातिवादी मानसिकता का उन्माद फैलाकर कल्पनाथ राय के खून पसीने से बनाए गए इस जनपद को धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जनपदों की लिस्ट में लाकर खड़ा कर दिया। इस कालखंड में बसपा और सपा की सरकारों में यहां के सांसद और विधायकों ने भी सिर्फ और सिर्फ इस जनपद को लूटने का काम किया भाजपा के सत्ता में आने के बाद जनपद मऊ के उत्तरी छोर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र होने के कारण विकास होने लगा तथा जनपद के दक्षिण क्षेत्र में मनोज सिन्हा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र होने के कारण इन जनपदों में भी विकास का पहिया दौड़ने लगा। परंतु बीच में छोटा जनपद मऊ अपनी बदहाली के आंसू बहाता रहा, ऐसे में गुजरात कैडर से आईएएस अधिकारी जनपद मऊ के मूलनिवासी ए०के० शर्मा का अचानक राजनीति में पदार्पण होकर एमएलसी एवं दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश के दो सबसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनने के बाद इस जनपद के लोगों को उम्मीद की एक किरण दिखाई देने लगी। शुरू में तो मंत्री जी का बहुत कुछ नहीं दिखा परंतु धीरे-धीरे जैसे समय गुजरने लगा मऊ शहर के अंदर के स्वच्छता एवं चौराहे के सुंदरीकरण से लेकर सैकड़ों करोड़ के प्रस्तावित प्रोजेक्ट लोगों को धीरे-धीरे ए०के० शर्मा के महत्व को समझने पर मजबूर कर दिया। इसी क्रम में लगातार 10 दिनों से क्षेत्र की गली गली-गली जाकर चुनाव अभियान को धार देने में लगे ए०के० शर्मा का असर चुनाव के आखिरी दिनों में देखने को मिल रहा है। बात करें नगर क्षेत्र के बाहरी इलाके की जो कभी ग्रामसभा हुआ करती थी। आज नगर क्षेत्र में जुड़े यह मतदाता शहर के अंदर के लोगों से अपना अलग मिजाज रखते हैं।इन मतदाताओं के दिल और दिमाग पर कहीं ना कहीं विकास की एक ललक जरूर दिखाई दे रही है। तथा ए०के० शर्मा के महत्व को समझने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं यदि मऊ शहर के अंदर के मतदाताओं की बात करें तो व्यवसाई वर्ग के अलावा बुनकर बाहुल्य यह क्षेत्र कई मायनों में बहुत खास है चर्चा यह है कि कई ऐसे मुस्लिम मतदाता जो पढ़े-लिखे हैं इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि यदि यहां पर भाजपा की सत्ता आती है तो निश्चित रूप से नगर का विकास होगा यह लोग यहां तक कह रहे हैं कि जब कल्पनाथ राय जी का जमाना था तो शहर के अंदर के मुस्लिम मतदाता उनको वोट नहीं करता था जिसका खामियाजा हम लोगों को आज तक भुगतना पड़ा पूरे जनपद में जिस तरीके से विकास हुआ शहर के अंदर हम लोग उससे वंचित रहे, यदि ऐसा होता है तो कहीं ना कहीं हमारी पीढ़ी इसका खामियाजा भुगतेगी लेकिन धार्मिक और जातिवादी मानसिकता सोच के लोग सपा और बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी पर अपना रुझान दिखा रहे हैं। और उनके इस रुझान को सफल होने में सोशल मीडिया ने भी खूब धार दिया है, क्योंकि इस समय सोशल मीडिया का प्रयोग कर किसी एक ब्यक्ति एवं पार्टी विशेष के मतदाताओं को इकट्ठा कर उसी प्रत्याशी के विषय में बुलवाकर शोसल मीडिया के सहारे अपने वोटों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण दिखाना भी एक प्रत्याशी का चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं मुस्लिम मतदाताओं के पसंदीदा पार्टी के प्रत्याशी भी चुनाव के आखिरी दिन अपना रोड शो करके अपनी ताकत का अंदाजा दिखाते नजर आए वहीं भाजपा भी अपने मंत्रियों से लेकर स्टार प्रचारक को मैदान में उतारकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। ऐसी स्थिति में देखना यह होगा कि मऊ के मतदाता धर्म जाति के नाम पर अपने मत का प्रयोग करेंगे या विकास के नाम पर।