भाजपा को जिले में एक भी सामान्य जाति का नहीं मिला नेता

भाजपा को जिले में एक भी सामान्य जाति का नहीं मिला नेता

मऊ-समता समरसता की बात करने वाली भाजपा को जनपद मऊ के कुल एक नगर पालिका परिषद एवं 9 नगर पंचायतों में से 6 सीटों पर अनारक्षित प्रत्याशी घोषित करना था जिसमें एक भी सामान्य विरादरी को टिकट नहीं दिया,तथा लगभग 60 सभासद सीट सामान्य एवं महिला सामान्य चुनाव लड़ सकते थे जिसमें मात्र 13 सीट पर ही सामान्य विरादरी के लोगों को टिकट दिया गया है। इस संबंध में राजनीतिक समझदारों का कहना है कि नगर निगम चुनाव में यह भाजपा की विशेष रणनीति है, क्योंकि सामान्य विरादरी के लोग भाजपा के परंपरागत एवं बंधुआ वोटर हैं उन उसके साथ किसी अन्य विरादरी को टिकट मिलने से उस विरादरी का वोट मिलने से सीट निकलने के आसार बढ जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा कैडर के मूल कार्यकर्ताओं की मानें तो उनका दबी जुबान में कहना है कि विधानसभा और लोकसभा में तो सामान्य जाति को टिकट यह कहकर नहीं मिलता कि सोशल इंजिनियर के चलते सामान्य जाति के लोग रो गाकर भी भाजपा को वोट देंगे लेकिन यदि किसी अन्य जाति बाहुल्य को प्रत्याशी बनाया जाता है तो उस बिरादरी का वोट मिलेगा लेकिन यह स्थानीय चुनाव होता है इसमें लोकल मुद्दे काम करते हैं इसमें भी टिकट न मिलना कहीं न कहीं भाजपा मूल कार्यकर्ताओं की यह उपेक्षा है। बहरहाल अब देखनी है कि भाजपा का यह सोशल इंजिनियर का फार्मूला कितना कारगर साबित होता है आने वाला वक्त बताएगा

Latest Articles