राजनीतिक मठाधीशों ने नेताओं के काटे पर

राजनीतिक मठाधीशों ने नेताओं के काटे पर

मऊ- कहा जाता है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता यह कहानी मऊ नगर पालिका परिषद चुनाव में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है, जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता अरशद जमाल का टिकट यहां के स्थानीय समाजवादी मठाधीशों ने इसलिए कटवा दिया कि यदि अरशद जमाल पुनः चेयरमैन बन गए तो कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी के बड़े नेता बन जाएंगे और सपा मठाधीशों का कद छोटा हो जाएगा इसीलिए एकजुट होकर सभी ने अरशद जमाल के 37 साल समाजवादी पार्टी के संबंध से विच्छेद करा दिया, अरशद जमाल का कहना है कि यदि वह चुनाव नहीं लड़ते तो उनकी राजनीतिक कैरियर पर प्रश्नचिह्न लग जाता ऐसी स्थिति में मजबूरन उनको बहुजन समाज पार्टी का दामन पकड़ना पड़ा अरशद जमाल के इस इमोशनल बातों पर कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी के लोगों पर भी असर पड़ रहा है, वहीं बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की तो लगातार 6 महीने से जी जान एक कर लाखों रुपया होर्डिंग और पोस्टर तथा भारतीय जनता पार्टी के नए-नए पदाधिकारियों और मंत्रियों के आवभगत में पानी की तरह पैसा बहाने वाले कार्यकर्ता भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि यह टिकट किसी अपने पार्टी के कार्यकर्ता को दे दिया जाता तो इतना कष्ट नहीं होता एक गैर पार्टी से आए हुए अनजान व्यक्ति को टिकट थमा कर कहीं ना कहीं पार्टी हम लोगों की उपेक्षा की है। यदि इसके भी पीछे की स्थिति को देखा जाए तो इसमें भी कहीं ना कहीं मठाधीशी ही छुपी है सूत्रों की मानें तो यदि किसी पार्टी कार्यकर्ता को टिकट मिल जाता और वह चुनाव जीत जाता तो वह बड़ा नेता बन जाता यही कारण है कि स्थानीय भाजपा मठाधीशों ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिलवा दिया जिसका जमीन पर कोई वजूद नहीं है अब भाजपा चुनाव जीत गई तो वाह-वाह और हार गई तो कम से कम मठाधीशों की मठाधीशी तो चलती रहेगी।

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