कुशीनगर से अनिल राय की रिपोर्ट

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुकरौली पर सेवा दिवस का हुआ आयोजन
कुष्ठ रोगियों में वितरित किया गया दवा और फल
एपीआई न्यूज एजेंसी
कुशीनगर। 17 अप्रैल 2023
स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनएलआर इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुकरौली पर सोमवार को सेवा दिवस का आयोजन किया गया। इसमें दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को स्वयं की देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया गया। रोगियों के बीच दवा और फल भी वितरित किया गया।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ रोग में मांसपेशियों की कमजोरी के फलस्वरूप तंत्रिका क्षति के कारण शारीरिक दिव्यांगता और विकृति का कारण बनता है। इसकी वजह से त्वचा सूख जाती और त्वचा कठोर हो जाती है। छाले पड़ जाते हैं। इनसे बचाव के लिए विशेष तरह के जूते-चप्पल पहनें । हाथ पैर को हमेशा साफ और मुलायम रखें। दिन में चश्मा लगाएं। रात में आंखों को स्वच्छ कपड़े से ढंक कर सोएं।
उन्होंने हाइड्रेशन, आयलेशन,फिजियोथिरेपी तथा एक्सरसाइज़ ( होप) ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से बताया। हाइड्रेशन में दिव्यांग हाथ अथवा पैर को टब में 20 से 30 मिनट तक भिगोएं, ताकि सूखी और खराब चमड़ी में नमी आ जाए, फिर स्क्रबर की सहायता से खराब चमड़ियों को खुरच कर निकाल दें।
आयलेशन थिरेपी में इन अंगों पर तेल अथवा वैसलीन लगाकर नमी बरकरार रखें। जरूरत के अनुसार फिजियोथिरेपी की जाती है और व्यायाम करना होता है। इसके लिए कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर किट पहले ही दिया जा चुका है। किट में स्क्रबर, कैंची, गाज पट्टी, सेवलान, एंटी सेप्टिक क्रीम, वैसलीन, तथा आई ड्राप होता है। पैरों में अल्सर से बचाव के लिए माइक्रो सेलुलर रबर ( एमसीआर) चप्पल भी दिया गया है।
डाॅ.मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ एक संक्रामक रोग है, जो माइक्रोबैक्टिरियम लेप्रोसी नामक जीवाणु से फैलता है।अगर समय से कुष्ठ रोग का पता चल जाए तो व्यक्ति दीर्घ कालीन दिव्यांगता से बच सकता है। कुष्ठ रोग का इलाज सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है।
फाउंडेशन के जिला समन्वयक विपिन सिंह ने कुष्ठ रोग के लक्षण बताकर समय से जांच और इलाज कराने की सलाह दी। फिजियोथिरैपिस्ट प्रदीप गुप्ता ने मरीजों को व्यायाम के तरीकों को सिखाएं, ताकि मांसपेशियों में होने वाली कमजोरी और अंगों में होने वाले टेढ़ापन को रोका जा सके। इस अवसर पर पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डाक्टर धर्मेन्द्र, एनएमएस रमेश त्रिपाठी, कुष्ठ रोगी उपस्थित थे । कार्यक्रम में कुष्ठ रोगियों के बीच दवा फल आदि का वितरण किया गया
रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी से सीधी हो गयी अंगूली
सुकरौली क्षेत्र की रहने वाली एक 22 वर्षीया युवती ने बताया कि चार साल इलाज कराने के बाद वर्ष 2018 में गांव की आशा कार्यकर्ता ने उसे सुकरौली पीएचसी पर दिखाने की सलाह दिया तो वहां जाने के बाद बता चला कि वह कुष्ठ रोगी है। जिसकी वजह से अंगूली टेढ़ी है। पीएचसी सुकरौली से दवा शुरू हुई, वहां से उन्हें अंगूली का आॅपरेशन कराने के लिए इलाहाबाद नैनी भेजा गया। पूरा कोर्स दवा खाने व आॅपरेशन के बाद उसकी अंगूली सीधी हो गयी। अब वह फैजाबाद में कम्प्यूटर का प्रशिक्षण ले रही हैं।