सड़क की पटरी पर फल बेचने वाले का बेटा बना डीएसपी
एंकर-मऊ जनपद के नसोपुर गांव निवासी गोरख सोनकर नगर के भीटी क्षेत्र में फल बेंचकर बड़ी कठिनाई से अपने परिवार का गुजारा करते थे।दो बेटों और तीन बेटियों में सबसे छोटा सुपुत्र अरविंद सोनकर बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होनहार था, इनकी प्राथमिक शिक्षा रामस्वरूप भारती इंटर कालेज मऊ से हुई तथा स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद में करते हुए सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए ,पढाई के प्रति अपने बेटे की लगन देखकर गोरख कड़ी मेहनत कर गर्मी की धूप हो या हाड़कपाऊ सर्दी या फिर बरसार में ढेले के ऊपर पालीथीन लगाकर सड़क के किनारे फल बेंचकर अपने बेटे अरविंद की शिक्षा में बाधा नहीं आने दी परंतु असमय ही गोरख की पत्नी अर्थात अरविंद की मां का कैंसर के कारण देहावसान हो गया और इस सदमें के कारण गोरख को भी लकवा मार दिया अब अरविंद की पढाई का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था, परंतु अरविंद के बहनोई ने आकर गोरख का फल वाला ठेला संभाल लिया और बहन के परिवार की परविश एवं साले की पढ़ाई का भार उठाने लगा।आज अरविंद के इस संघर्षपूर्ण सफलता पर जहां एक ओर परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे हैं वहीं क्षेत्र के लोगों का अरविंद के परिवार को बधाई देने के लिए तांता लगा हुआ है।बताते चलें की अरविंद के घर गरीबी की हालत यह है कि आज भी इनके परिवार का खाना लकड़ी चूल्हे पर बनता है। परंतु कहते हैं कि कुछ कर गुजरने का हौसला यदि ठान लें तो परिस्थितियां आड़े नहीं आती,आज इसी को चरितार्थ करते हुए अरविंद ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में 86 वां स्थान पाकर डीएसपी जैसे प्रशासनिक पोस्ट को सुशोभित कर न सिर्फ अपने परिवार सहित जनपद का मान बढ़ाया है बल्कि तैयारी करने वाले प्रतियोगी बच्चों के लिए एक दिशा देकर हौसला भी बढाने का काम किया है। अरविंद की इस संघर्षपूर्ण सफलता से अरविंद को पढाने वाले गुरुजन जहां एक तरफ सीना चौड़ा कर तारीफ कर रहे हैं वहीं लोकबाग भी अपने बच्चों को प्रेरणा श्रोत मानकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।