किसान कर रहे थे मुआवजे की मांग
*सूरजपुर रामजानकी मंदिर से लेकर कटान रोकने हेतु चार सौ मीटर तक पीचिंग अपरन लाचिग पैड का का म शुरू *
एक्सीयन के समझाने पर माने किसान
सूरजपुर( मऊ ) मधुबन तहसील क्षेत्र के सूरजपुर में सरयू नदी के तट पर स्थित रामजानक मंदिर के पास विगत वर्षों हुई सरयू नदी की भीषण कटान से तबाह हुए किसानो की खेती योग्य भूमि नदी की धारा मे विलिन हो गयी थी कटान रोकने के लिये सिंचाई विभाग के अथक प्रयास से सवा तीन करोड़ रूपये की परियोजना मंजूर हो गयी धन भी स्वीकृत हो गया लेकिन किसानो द्वारा नदी कटी हुई की मुआवजे की मांग को लेकर इस परियोजना पर ग्रहण लगने लगे थे लेकिन एक्सीयन बीरेन्द्र पासवान के समझाने बुझाने पर इस परियोजना पर काम शुरू हो गया है जिससे तटवर्ती इलाके के गाँवो मे खुशी की लहर दौड़ पड़ी है ।सिंचाई विभाग मऊ के एक्सीयन बिरेन्द्र पासवान ने बताया कटान रोकने हेतु सुरजपुर के समीप सरयू नदी के तट पर स्थित रामजानकी मंदिर से लेकर चार सौ मीटर दूरी तक नदी के किनारे बोल्डर से स्लो पीचीग होगा तथा तथा सीमेंट की बोरी मे मिट्टी भरकर उसका प्लेटफार्म बनाकर परकूपाइन विधि कैंची आकार बनाया जायेगा जो कटान रोकने मे कारगर सिद्ध होगा ।उन्होने कहा इस परियोजना पर कार्य अब तेज गति से शुरू हो गया है हमे हर हाल मे नदी का जलस्तर बढ़ने से पहले पुरा कार्य पीचीग अपरन लेयर लाचिंग पैड का काम कर लेना इस परियोजना के पुरी हो जाने से निश्चित ही कटान रूकेगी वही किसानो के मुआवजे की मांग को लेकर बताया कि इनके खेत पहले के नदी की धारा मे विलिन हो चुके है जिनके जमीने नदी मे विलिन हो चुकी है उसपर नदी की धारा बह रही उस जमीन पर मुआवजे का कोई आधार नही बनता है ।इधर मुआवजे की मांग करने वालो मे बेदप्रकाश धर्म शंकर राय विश्वनाथ सुदर्शन गंगाधर राय समेत आदि किसानो की जमीने नदी की धारा मे विलिन हो चुकी है ।जिसको लेकर किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे तथा इस परियोजना का विरोध कर रहे थे लेकिन एक्सीयन के समझाने बुझाने पर किसानो ने अपने हित को देखते हुए इस परियोजना पर काम करने की अनुमति दे दी ।