गुरादरी मठ पर करहां का भव्य मेला
चिरैयाकोट (मऊ) प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी पर करहां क्षेत्र के गुरादरी मठ पर भव्य मेला का आयोजन किया गया था। आसपास एवं दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने बाबा घनश्याम साहब का दर्शन कर मेले का आनंद लिया।
बताया जाता है कि लगभग 300 वर्षो से पुराना वैराग्याश्रम मठ गुरादरी धाम धार्मिक आस्था एवं विश्वास का प्रमुख केन्द्र है। यह स्थान भुड़कुड़ा की संत परम्परा से संबंध रखता है तथा बाबा घनश्याम दास की तपस्या स्थली के रूप में भी जाना जाता है। बाबा- गोविंद साहब के शिष्य एवं पलटू साहब के गुरुभाई थे। अपनी तपश्चर्या से विख्यात होने पर वह तत्कालीन परिस्थितियों में जब ज्यादा लोग दर्शन करने के लिए आने लगे तो बाबा को तपस्या में बाधा उत्पन्न होने लगी। तब उन्होंने वर्ष में दो बार श्रद्धालुओं को मिलने की आज्ञा दी। तबसे यहाँ पर वर्ष में कार्तिक पूर्णिमा एवं चैत्र रामनवमी पर ही लोग आकर गंगा सरोवर में स्नान करते हैं तथा बाबा की समाधि का दर्शन-पूजन कर पुण्य के भागी बनते हैं। इसी परंपरा से कालान्तर में मेले का रूप धारण कर लिया।
यहाँ की मुख्य समाधि के अलावा बाबा पदारथ साहब, बाबा प्रहलाद साहब, बाबा महाबल साहब, बाबा सत्यनारायण साहब, बाबा जगन्नाथ साहब जैसे सिद्ध संतो की समाधियाँ स्थित हैं। यहाँ मेले के अवसर पर कढ़ाई एवं खिच्चड़ चढ़ाने की मान्यता है। श्रद्धालु वर्तमान महंत ‘मानस धुरंधर’ भगवान दास जी महाराज का दर्शन प्राप्त कर नए अन्न का दान करते हैं एवं मठ की भभूत प्रसाद पाकर जीवन को धन्य मानते हैं। परंपरागत रूप से यहाँ लकड़ी, पत्थर, लोहे, खाजा, कम्बल, खिलौना, फूल-बतासा, जलेबी-पकौड़ी, चाट-छोला एवं झूला आदि की दुकानें सजती हैं। मेला देखने वाले लोग जरूरत की विभिन्न सामग्रियां खरीदते नज़र आये। पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था भी चाक-चौबंद नज़र आयी।