उप डाकपाल के रवैये को लेकर के बचत अभिकर्ता नाराज

रतनपुरा, मऊ। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज चंद दिन ही रह गए हैं। ऐसी स्थिति में रतनपुरा डाकघर के उप डाकपाल द्वारा महिला अभिकर्ताओं के साथ उत्पीड़न और शोषण की अनवरत और अनधिकृत कार्य किया जा रहा है, जिसको लेकर के बुधवार के दिन हंगामे की स्थिति बनी रही। यद्यपि उप डाकपाल द्वारा लाट प्राप्त करने के लिए रोस्टर का निर्धारण कर दिया गया है। परंतु बुधवार के दिन जैसे ही महिला बचत अभिकर्ता डाकघर पहुंची तो वे कार्यालय से नदारद हो गए ,और कहा गया कि मीटिंग में भाग लेने के लिए मऊ गए हुए हैं। महिला अभिकर्ता विद्यावती सिंह ,रिंकी सिंह, शिवकुमारी, गायत्री देवी, धीरेंद्र सिंह, सविता, अशोक कुमार ,चंद्रशेखर, पुष्पा सिंह ,उमाशंकर चौहान, छोटेलाल राम, पुष्पा वर्मा ने प्रवर डाक अधीक्षक आजमगढ़ मंडल आजमगढ़ को लिखित शिकायत पत्र भेजकर के अपने विरुद्ध उत्पीड़न और आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की है। अभिकर्ता इस बात से काफी डरे सहमे हुए हैं कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में चंद दिन ही अवशेष हैं ,ऐसी स्थिति में ग्राहकों का लाट जमा नहीं हुआ तो उन्हें अलग से विलंब शुल्क जमा करना पड़ता है, जो अभिकर्ताओं के लिए भारी पड़ रहा है। अभिकर्ताओं का कहना है कि 1 दिन में केवल 3 से 5 ही लाट जमा करते हैं, ऐसी स्थिति में अभिकर्ताओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। तथा उन्हें विलंब शुल्क देना पड़ रहा है। तथा ग्राहक के पासबुकों का प्रिंटिंग तथा उसके बनाने में काफी विलंब किया जा रहा है। सैकड़ों पासबुक अभी भी लंबित पड़ी हुई हैं। अभिकर्ता इस संदर्भ में जब उप डाकपाल सुधीर चौरसिया से पूछताछ करते हैं, तो वह आपे से बाहर हो जाते हैं, और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। लाट जमा करने के लिए भी महिला अभिकर्ताओं को डाकघर बुलाया जा रहा है, तथा उन्हें घंटों लाइन में खड़ा किया जा रहा है। अभिकर्ताओ ने लिखित शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि डाकपाल खाता खुलवाने के लिए 100 तथा प्रति लाट 100 अतिरिक्त अनधिकृत रूप से लेते हैं। जिसको लेकर के एजेंटों में हाहाकार मचा हुआ है। तथा इनके स्थानांतरण को लेकर के बजत एजेंट लामबंद हो गए हैं।

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