प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव का दूसरा दिन

Report -Madan Sarswat Mathura

शिक्षक समुदाय ही शिल्पकार है व्यक्ति , समाज और राष्ट्र के कुशल निर्माण का – डॉ मेघना चौधरी जी ।

श्री चित्र-विचित्र महाराज जी की भजन संध्या में उमड़ा जन सैलाब

श्री फूलडोल महाराज जी सहित वृन्दावन के संत-महात्माओं ने की श्री यमुना जी की आरती ।

योग , आयुर्वेद ,प्राकृतिक चिकित्सा ( आयुष पद्धति ) पर सम्पन्न हुआ टेक्निकल सत्र ।

वरिष्ठ चिकित्सको द्वारा स्वास्थ्य चेकअप का समारोह स्थल पर लगाया कैम्प ।

  वृन्दावन में आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव के दूसरे दिन रविवार के प्रथम सत्र का उद्घाटन परमार्थ निकेतन ऋषिकेश की टीम के द्वारा कराए जा रहे योगाभ्यास से हुआ ।
 योगिनी गंगा नन्दिनी के नेतृत्व में आज भी सैकड़ो लोगो ने प्रातः 06 बजे से 08:30 बजे तक मंत्रों के साथ योगाभ्यास किया । 
 गुरुकुल राजघाट बुलंद शहर के आचार्य सोमनाथ जी के नेतृत्व में छोटे छोटे बच्चों ने योग और जिम्नास्टिक के सुंदर करतब दिखा कर सभी का मन मोह लिया । कार्यक्रम की सरंक्षिका डॉ मेघना चौधरी ने इन बच्चों को ग्यारह हजार रुपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया ।
   योगाभ्यास के उपरांत द्वितीय सत्र में ब्रज क्षेत्र के ख्याति प्राप्त शिक्षको सर्वश्री डॉ अजय शर्मा , डॉ पीपी शर्मा , डॉ रोशन लाल , डॉ वीरेंद्र मिश्रा , श्री पदम् सिंह शर्मा , श्री शिशुपाल सिंह , डॉ पीके शुक्ला , डॉ अशोक अग्रवाल , डॉ राम कृपाल त्रिपाठी , श्री परमानन्द गुप्ता , कैप्टन श्री बृजेन्द्र सिंह , श्री चन्द्र प्रकाश द्विवेदी , श्री चन्द्र लाल शर्मा , प्रो श्री के एम अग्रवाल , श्री भगवती प्रसाद गुप्ता , डॉ अनन्त स्वरूप बाजपेयी , डॉ शशि प्रभा कपूर , श्री धनंजय घोष , श्री सुदेश त्रिपाठी , श्रीमती जयंती गोस्वामी , श्री रविकांत शर्मा , श्री सुशील शर्मा , श्री कौशल किशोर भट्ट , श्री देवेंद्र शर्मा , श्री अभय वशिष्ठ , श्री श्याम बिहारी शर्मा , श्री कुशनाथ चतुर्वेदी , डॉ देव प्रकाश सहित मरणोपरांत स्व श्री भोलेनाथ पांडेय , स्व डॉ ओम प्रकाश मिश्रा , स्व श्री शरण बिहारी गोस्वामी , स्व श्री राम गोपाल गुप्ता , स्व श्री जय गोलाल मुखर्जी , स्व श्री प्रिया लाल कौशिक , स्व डॉ सुरेंद्र शर्मा , श्री राधा बल्लभ शर्मा , स्व श्री नर्मदेश्वर शास्त्री , स्व श्री शंभु चरण पाठक , स्व श्री हनुमान प्रसाद शुक्ला , स्व श्री हरिप्रसाद पटसरिया , स्व श्रीमती मोहनी द्विवेदी , स्व श्री श्याम विहारी शर्मा का सम्मान किया गया ।इस अवसर पर कार्यक्रम की संकल्पना को यथार्थ रूप दे रही डॉ मेघना चौधरी जी ने कहा कि व्यक्ति से लेकर समाज तक का निर्माण शिक्षको के माध्यम से ही सम्भव है । शिक्षक ही व्यक्ति , समाज और राष्ट्र के कुशल शिल्पकार है । उन्होंने कहा कि समाज को कभी भी अपने गुरुओं की देन को विस्मृत नही करना चाहिए क्योंकि हम जो कुछ भी प्राप्त करते है उसमें गुरुओं की कृपा ही कार्य करती है ।कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व प्राचार्य श्री पीपी शर्मा जी , सरंक्षिका श्रीमती मेघना चौधरी , सयोंजक डॉ विष्णु शर्मा एवं सह सयोंजक और समारोह के मीडिया प्रभारी डॉ देव प्रकाश ने सभी आमंत्रित शिक्षको का स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर और उत्तरीय पहनाकर सम्मान किया श्रीअन्नं का प्रसाद ग्रहण कर तृतीय सत्र में सैकड़ो विद्यार्थी , अध्यापक गढ़ और समाजसेवी यमुना घाट पर योगिनी गंगा नंदिनी , डॉ मेघना चौधरी और प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी गौतम जी के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान के लिए गए  जहां उन्होंने यमुना माँ के तटों की सफाई की ।
  चतुर्थ सत्र में बंगलोर से डॉ सुनीता राणा , डॉ जुझार सिंह , डॉ मनीष सैनी एवं डॉ वर्तिका द्वारा समारोह स्थल पर विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए मार्गदर्शन किया गया और स्वास्थ्य परीक्षण हेतु शिविर लगाए गए । 200 से अधिक लोगो ने स्वास्थ्य शिविर में अपना चेकअप कराकर  लाभ उठाया ।
 कार्यक्रम का संचालन डॉ रचना विमल , श्री देवेंद्र शर्मा और डॉ देव प्रकाश द्वारा किया गया ।
  शनिवार को महेश खंडेलवाल जी के नेतृत्व में डॉ कृष्ण मुरारी ( दिल्ली ) , डॉ लीलाधर गुप्ता , श्री राजेश अग्रवाल एवं डॉ कैलाश द्विवेदी ने योग , आयुर्वेद , प्राकृतिक चिकित्सा ( आयुष पद्धति ) पर सेमिनार आयोजित कर परिचर्चा की । चतुर्थ सत्र में श्री फूल डोल महाराज जी , आचार्य श्री बद्रीश जी , श्री मारूतिनन्दन वागीश जी सहित वृन्दावन के अनेकों संत महात्माओं ने श्री यमुना महारानी जी की महा आरती की । पंचम सत्र में श्री चित्र-विचित्र महाराज जी की भजन संध्या में जन सैलाब उमड़ पड़ा था ।
  समारोह में जिला जज आगरा श्री रमेश दिवाकर , ADJ हाथरस श्री आर पी सिंह , डॉ लक्ष्मी गौतम , आचार्य मृदुल कांत शास्त्री , श्री योगेश द्विवेदी , श्री राम गोपाल सिरोही , डॉ राकेश चन्द्र चतुर्वेदी , डॉ सीमा शर्मा , श्री प्रदीप गोस्वामी आदि की उपस्थिति रही ।

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