दोहरीघाट, मऊ। क्षेत्र के प्राचीन रामशाला मंदिर परिसर में नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन मैं चौथे दिन रामायण प्रेमी कथावाचक गाजीपुर की धरती से आए पंडित विनोद मिश्रा ने संगीतमय राम कथा सुनाएं, जिससे श्रोता भाव विभोर हो गए। “भए प्रकट कृपाला दीन दयाल कौशल्या हितकारी” का गायन शुरू किया। सभी श्रद्धालु भक्तिमय होकर झूमने लगे और श्री राम के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। आस पास का वातावरण भक्तिमय हो गया। सभी श्रद्धालु श्री राम जन्म के भक्तिमय की धारा मे गोते लगाने लगे। कथा के माध्यम से विनोद मिश्र ने कहा कि कलियुग बस एक नाम अधारा जो डूबे सो उतरे पारा अर्थात कलियुग में राम नाम ही अधार है जो सबको भाव सागर से पार करा सकता है। श्रोताओं को बताए कि आप लोग थोड़ा समय निकाल कर कर राम नाम का जाप करते रहें। कथावाचक ने कहा राम से बड़ा राम का नाम होता है रामशाला की महत्ता प्राचीन काल से है जो लोग श्रद्धा से यहां मन्नते मानते हैं सबकी मन्नते पूरी होती है।
संगीतमय रामकथा सुन श्रोता हुए भाव विभोर
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