शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनकर श्रोतागण हुए भाव विभोर।

शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनकर श्रोतागण हुए भाव विभोर।

रिपोर्ट राकेश पाण्डेय

सीतापुर। जनपद के कस्बा सकरन के ठाकुर द्वारा मन्दिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ में तीसरे दिन बरसाना से पधारी कथा वाचिका राधा किशोरी ने भक्तों को भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि राजा हिमांचल ने अपनी पुत्री पार्वती की शादी कैलाश पति के साथ तय की। जब शिव जी बारात लेकर हिमांचल नगरी पहुंचे तो वर पूजन के दौरान दूल्हे के गले में मुंडों की माला व सर्प देखकर माता मैना डर गयी और उन्होंने मदारी के साथ अपनी पुत्री के विवाह से इन्कार कर दिया। उसी समय नारद जी आ गये और माता मैना को समझाते हुये कहा कि जिन्हें आप अपनी बेटी समझ रही है वह जगत जननी मां भगवती है तथा आपके दामाद के रूप मे स्वयं जगत पिता भूत भावन भोले नाथ हैं। नारद जी बात सुनकर मैना शिव व पार्वती के चरणों में गिर गयी तब भोलेबाबा ने सुंदर स्वरूप बना लिया। उसके बाद माता पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ सम्पन्न हुआ।*भगवान की मनमोहक झांकियां देख दर्शक हुए भावविभोर* सकरन के ठाकुर द्वारा मन्दिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ में वृन्दावन से पधारे कला कारों द्वारा श्री कृष्ण व राधा रानी की सजीव झांकियों का प्रदर्शन किया भगवान की झांकियां देखकर दर्शक भावविभोर हो गये।*श्रीमद्भागवत कथा का वार्षिक प्रस्तावित कार्यक्रम का आयोजन* इसके अलावा स्थानीय थाना क्षेत्र के अन्तर्गत कल्ली गांव में वर्षों से हो रही श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ आज हुआ। गणेश भगवान के पूजन के उपरान्त मां भगवती की पूजा अर्चना करने के बाद कथा व्यास कन्हैया लाल शास्त्री नैमिषारण्य ने शुभारम्भ किया। ज्ञान वैराग शीर्षक के माध्यम से भक्तों का मन मोह लिया। इस अवसर पर समस्त ग्राम वासी व क्षेत्रीय भक्तगण उपस्थित रहे।

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