भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ
एपीआई न्यूज एजेंसी
गोला बाजार/गोरखपुर
ऋषि सेवा आश्रम के तत्वावधान में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। भागवत कथा के प्रथम दिन उपनगर स्थित सुंदरम लाॅन से भव्य कलश यात्र निकाली गई। कलश यात्रा मुख्य बाजार से होते हुए सरयू तट के पक्के घाट पर पंहुची जहां पीतवस्त्र धारी महिलाओं ने मंत्रोच्चार के बीच कलश में सरयू जल भर कर पुनः कथा स्थल पर कलश की स्थापना की गयी।
कथा वाचक श्री राघव ऋषि महराज ने कहा कि प्रलय के समय काशी को भगवान शिव ने त्रिशूल पर धारण कर लिया था, इसलिए काशी का कभी नाश नहीं होता है। भागवत कथा श्रवण से सच्चिदानन्द प्रभु की प्राप्ति होती है। भागवत हमें गृहस्थ जीवन में रहते हुए भगवान के प्राप्त करने का मार्ग को बताता है। जिस प्रकार गोपियों ने बिना घर छोड़े ही प्रभु की प्राप्ति कर ली। भागवत कथा सुनने से जन्म-जन्मान्तर के पाप धुल जाते हैं। भागवत कथा की रचना महर्षि व्यास जी ने किया था जिसे भगवान गणेश जी ने लिपिबद्ध किया था। कथा का रसपान करने स्वर्ग से देवता भी उतर आते हैं। कथा मनुष्य के भीतर के सुसुप्त वैराग्य व ज्ञान को जागृत करता है। उन्होंने कहा कि अनाचारी व्यक्ति रूप,रस,गंध,शब्द व स्पर्श रूपी पांच वेश्याओं के बीच फंस जाता है और वह प्रेतयोनी को प्राप्त करता है। कथा के अंत में उपस्थित भक्त जनों द्वारा प्रभु की भव्य आरती की गयी।
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिलाकोषाध्यक्ष शत्रुघ्न कसौधन, मनोज उमर, कस्तूरी जयसवाल, अजय मोदनवाल, ऋषि साहनी, उदय शंकर गुप्ता, सुरेश चंद, सुरेंद्र मिश्र, डाॅ देवानंद, रिंकू चौधरी, संजय मद्देशिया सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।