मानव खून का कालाबाजारी करने वाले 600 ग्राम खून लेकर जा रहे थे बिहार
तारकेश्वर सिंह
चंदौली। चंदौली पुलिस ने खून का कालाबाजारी करने वाले एक व्यक्ति 600 ग्राम ब्लड के साथ गिरफ्तार किया। खून के तस्कर की गिरफ्तारी चंदौली कोतवाली क्षेत्र के बबुरी मोड़ से की गई। वहीं एक व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। खून के कालाबाजारियों ने वाराणसी के लहुराबीर स्थित ब्लड बैंक से खून खरीदा था।
तथा उसे बिहार प्रांत के मोहनियां व गाजीपुर के दिलदारनगर स्थित नर्सिंग होम में बेचने की तैयारी थी। बताते चले कि सदर कोतवाली पुलिस मंगलवार की देर रात में बबुरी मोड़ के पास चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक बाइक पर सवार होकर आ रहे दो लोगों ने पुलिस को देखा तो बाइक घुमाकर भागने का प्रयास करने लगे।परंतु पुलिसकर्मियों ने दौड़कर बाइक चला रहे युवक को पकड़ लिया। वहीं पीछा बैठा व्यक्ति फरार होने में कामयाब रहा। ब्लड तस्कर की पहचान हथियानी गांव निवासी पंकज तिवारी के रूप में की गई।जिसके पास से तीन पैकेट में A+ व O+ ग्रुप का 600 ग्राम ब्लड बरामद किया गया।पुलिस द्वारा जब तस्कर से कड़ाई से पूछताछ किया गया। तो खून के तस्करी के रैकेट के बारे में पता चला।उसने बताया कि वाराणसी के लहुराबीर स्थित आइएमए के ब्लड बैंक में काम करने वाले आनंद सिंह से दो-दो हजार रुपये यूनिट के हिसाब से ब्लड खरीदा था।उन्होने बिहार प्रांत के मोहनियां स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम और गाजीपुर के दिलदारनगर में निजी अस्पताल में चार-चार हजार रुपये में बेचने के लिए सौदा किया था। जिसे लेकर वे जा रहे थे। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम वाले मरीजों को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने के लिए 10-10 हजार रुपये वसूलते हैं। वैसे जनपद में ब्लड तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है।जुलाई 2020 में तीन ब्लड तस्कर पकड़े गए थे। मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल से उनके कनेक्शन होने की वजह से अस्पताल को भी चार माह के लिए सील कर दिया गया था। सदर कोतवाल अशोक मिश्रा ने बताया कि फरार आरोपित की पहचान हथियानी निवासी भोला के रूप में हुई है।मामले की छानबीन के साथ ही दूसरे आरोपित की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में मनोज पांडेय, कांस्टेबल राहुल यादव, अनिल यादव शामिल रहे।