■ विरोध करने पर परिजनों को दी भद्दी गाली!
■ कवरेज करने गए पत्रकार की मोबाइल छीनी कहा पत्रकार मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकते।
■ मरीज के परिजन ने कहा गंभीर चोट है रेफर कर दीजिए डा० अरुण गुप्ता ने कहा तुम्हारे बाप का अस्पताल नहीं है।
■ पत्रकार ने कहा आप रेफर क्यों नहीं कर रहे हैं? डाक्टर ने कहा पत्रकार हैं तो क्या उखाड़ लेंगे।
■ खबर कवरेज करने पर पत्रकार की मोबाइल छीनी और गाली गलौज किया।
■ अपने प्राइवेट एंबुलेंस को सरकारी अस्पताल में खड़ा करके मरीजों को जबरदस्ती अपने प्राइवेट अस्पताल सिद्धी विनायक में करते हैं रेफर।
■ सीएमओ ने कहा मामला हाईप्रोफाइल है इस संबंध में डीएम से बात करके संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मऊ। बृहस्पतिवार को एक मरीज के साथ जिला अस्पताल में इलाज के लापरवाही की खबर को कवरेज करने गए एक पत्रकार के साथ जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर द्वारा दुर्व्यवहार किया गया साथ ही गाली गलौज किया गया। पत्रकार साथी ने बताया कि मामला जिला अस्पताल का है जहां पर सरकारी डाक्टर के रुप में पोस्ट अरुण गुप्ता ने मरीज गोविंद राजभर के परिजन मुकेश को रेफर कराने के लिए कहने पर पर्ची फेंक दिया। वहीं मरीज के साथ आए परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने कहा कि तुम्हारे बाप का अस्पताल नहीं है कि जो कहोगे करुंगा और मां बहन की गाली दिए। जानकारी होने पर खबर कवरेज करने गये पत्रकार व मीडिया को अपशब्द कहते हुए कहा कि जाओ मीडिया मेरा कुछ भी नही उखाड़ सकती। अस्पताल की खबर कवरेज करने गए पत्रकारों के साथ बदसुलूकी की गई। बताते चलें कि डा.अरुण गुप्ता सिद्धी विनायक अस्पताल के नाम से प्राइवेट अस्पताल पुरानी तहसील पर चलाते हैं, और एक एंबुलेंस भी सरकारी अस्पताल में रखे हैं, जिससे जहां से वह मरीजों को अपने अस्पताल में रेफर करते हैं।
डॉ गुप्ता के प्राइवेट अस्पताल का वीडियो बनाने गए पत्रकार का मोबाइल भी उनके लोगों के द्वारा छीन लिया गया। मोबाइल में रिकॉर्डिंग वीडियो व फोटो को डिलीट कर दिया गया। बाद में रिकवर करने पर मोबाइल के समस्त रिकार्ड उपलब्ध हो गया। इस संबंध में सीएमओ ने कहा कि यह काफी संवेदनहीनता का मामला है, एक डाक्टर को ऐसा नहीं करना चाहिए। इस संबंध में डीएम से बात करके संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।