कछवारोड/ मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव में शुक्रवार की भोर में चोरों ने छत के रास्ते मकान में घुसकर तीन कमरों का ताला तोड़कर कुल आठ अटैची व बॉक्स चुराकर नगदी व गहने समेत अन्य सामान चुरा ले गए और बॉक्स सुटकेश कुछ दूरी पर स्थित बाहे में फेंक दिए।
जानकारी के अनुसार गुड़िया गांव निवासी प्रेम शंकर दूबे के मकान में छत के रास्ते भोर में घुसे चोरो ने बरामदे में प्रेम शंकर व उनकी पत्नी लक्ष्मी सोई थी चोर आँगन में अंदर से बरामदे के दरवाजे की कुंडी बन्द कर उसको गमछे से बाध दिए भुक्तभोगी के अनुसार गुरुवार की देर शाम पोते की तबियत अचानक खराब होने के कारण बेटा अरुण दूबे व बहु किरन बेटे को लेकर हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज कराने लगे घर के अंदर कोई नही था। इसी का फायदा उठाकर चोर एक बजे बाद ही घर मे घुसे होंगे क्यों कि एक बजे तक भुक्तभोगी जग रहे थे उसके बाद ही चोर घर मे घुसकर कमरे में घुसकर 8 बॉक्स व सूटकेश उठा ले गए जिसमें एक लाख नगदी व दो हार, तीन चैन, दो कान का झुमका, दो मंगलसूत्र, बाली, पैजनी सहित आदि लगभग सात लाख रुपये के गहने व बर्तन अन्य सामान चोर चुरा ले गए। इसकी जानकारी शुक्रवार की सुबह तक हुई जब प्रेम शंकर की पत्नी लक्ष्मी देवी उठी और आँगन में जाने के लिए दरवाजा खोलना चाही तो बंद था फिर भाग कर पीछे गई तो पीछे का दरवाजा खुला था जब अंदर जाकर देखी तो घर में रखा बड़ा बॉक्स गायब थे भुक्तभोगी ने इसकी सूचना पुलिस को दिया तो मौके पर पहुँची कछवांरोड पुलिस मौका मुवायना करने के बाद वापस लौट आई। घर से लगभग आधा किलो मीटर दूरी पर बाहे में फेंके कुछ सूटकेश व बॉक्स मिले जिसमें दो सूटकेश चोर उठा ले गए थे। भुक्तभोगी जय प्रकाश दूबे ने अज्ञात चोरों के खिलाफ तहरीर दी। बताते चले कि इधर लगभग 12 दिनों के अंदर छतेरी के खाड़ व्यवसाई के घर के अंदर से 80 हजार की चोरी फिर चित्रसेनपुर में हरी पटेल के यहाँ लाखों की चोरी हुई थी जिसमें कछवांरोड चौकी प्रभारी उमेश विश्वकर्मा से चोरी के बाबत पूछा गया था तो उन्होंने ने कहा था सूचना आई थी मगर कोई साक्ष्य न होने के कारण हमने बोल दिया जाकर थाने पर मुकदमा दर्ज करवा लो जब चौकी प्रभारी से भुक्तभोगी का नाम पूछा गया तो बोले सायद कोई पटेल था। अभी चार दिन पूर्व दिनदहाड़े कछवांरोड से बाइक चोरो ने उड़ा दिया था। कछवांरोड क्षेत्र में 12 दिनों के अंदर चोरी की चौथी घटना होने से क्षेत्रवासियों में दहशत व्याप्त है वही ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस गश्त के नाम पर गांव में कभी दिखाई ही नही पड़ती है जिससे चोरों का मनोबल काफी बढ़ गया है।