दोहरीघाट मऊ==घाघरा नदी खतरे के निशान के करीब है।ऐसे में तटवर्ती इलाके के लोग बेचैन हो गए हैं। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 26 सेमी की वृद्धि हुई है।ऐसे में हजारों हेक्टेयर फसल डूबने का खतरा बढ़ गया है।घाघरा के बढते जलस्तर को देखते हुए शुक्रवार को उपजिलाधिकारी घोसी सिएल सोनकर ने कटान प्रभावित व बाढ़ चौकियों का दौरा कर जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित कर्मचारियों से जलस्तर पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया।उन्होंने अवराडांड, चिउटीडांड, गौरीशंकर घाट सहित आदि स्थानों का दौरा कर नदी स्थिति की जानकारी ली।घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।ऐसे में तटवर्ती इलाके के लोगों की नींद उड़ गई है। जहां गुरुवार को घाघरा का जलस्तर 69.60 मीटर रहा।वहीं शुक्रवार को जलस्तर 69.86 मीटर हो गया। ऐसे में जलस्तर में 26 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई।जबकि नदी का खतरा बिंदु 69.90 है।नदी खतरा बिंदु से मात्र 4 सेमी नीचे बह रही है।नदी के रौद्र रुप धारण करने से भारत माता मंदिर, मुक्तिधाम, संतोषी माता का मंदिर, लोक निर्माण विभाग का डाकबंगला सहित ऐतिहासिक धरोहरों का आस्तिव खतरे में पड़ गया है। रामघाट पर भी नदी की धारा शाही मस्जिद के पास बने बोल्डर, हनुमान मंदिर के समीप पहुंचने से नगरवासी दहशत में है। नगर के साथ तटवर्ती इलाको के लोगो मे भी बाढ़ की आशंका तेज हो गई है। तटवर्ती इलाकों बहादुरपुर, रामपुरधनौली, नई बाजार, नवली, सरया, पतनई, ठाकुरगाव, गोधनी बीवीपुर, ताहिरपुर, जमीरा चौराडीह, कोरौली, बेलौली, ठीकरहिया, रसूलपुर,सूरजपुर सहित तटवर्ती इलाकों में हजारों हेक्टेयर फसलों के डूबने का खतरा बढ़ गया है।नवली गांव के सामने ठोकर नम्बर एक पर घाघरा की सीधी लहरे टक्करा रही है।जिससे नवली रिंग बंधे के नीचे कटान होने से ग्रामीणों को बढ़ा टूटने का भय व्याप्त हो गया है।नवली चिउटीडाड रिंग बाध तथा बीबीपुर बेलौली बंधे पर दबाव बनाए हुए हैं।