अभिषेक त्रिपाठी/वाराणसी
मिर्जामुराद। क्षेत्र के कल्लीपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर बृहस्पतिवार कृषि वैज्ञानिकों द्वारा 16वाँ गाजर घास जागरूकता सप्ताह (16 से 22 अगस्त) मनाया गया। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम मे केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. नरेंद्र रघुवंशी ने गाजर घास की पहचान के सम्बंध मे विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गाजर के पौधे के समान दिखने वाला एक वर्षीय खरपतवार है जिसकी लंबाई लगभग एक से डेढ़ मीटर तक होती है।गाजर घास को ,कांग्रेस घास व पार्थेनियम घास के नाम से जाना जाता है।इसका तना रोयेंदार व अत्यधिक शाखा युक्त होता है।गाजर घास का एक पौधा एक पौधा 20 से 25 हजार तक बीज उत्पन्न कर सकता है जो बहुत हल्के एवं पंख युक्त होते हैं। इसके बीच हल्के होने के कारण काफी दूर तक फैल जाते हैं यह प्रकाश एवं तापक्रम के प्रति उदासीन होने के कारण पूरे वर्ष भर उगता एवं फलता फूलता रहता है।
इस अवसर पर फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. एन के सिंह ने किसानो के साथ मैक्सिकान बीटल जाईगोग्रामा बाईकोलराटा कीट द्वारा गजर घास के जैविक नियंत्रण पर विस्तार से चर्चा की एवं वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र प्रताप ने चकवड़ व गेंदे के फूल द्वारा भी गाजर घास नियंत्रण पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।